मिलिए इस महिला से, दिन में करती है फूड डिलीवरी और रात में चलाती है ओला
बदलते समय के साथ कई ऐसी मान्यताएं और रूढ़िवादी सोच है जिनको महिलाओं ने अपने हौसले और साहस से बदल दिया है। उन्हें हर उस काम को करके दिखाया जिसके बारे में ये कहा जाता था कि ये तो सिर्फ आदमी ही कर सकता है। कोलकाता की रहने वाली रूपा चौधरी भी इन्हीं सशक्त महिलाओं में शामिल हैं जिन्होंने जिंदगी में आई मुसीबतों का डटकर सामना किया।
शादी टूटने और पिता की मौत के बाद भी रूपा ने हार नहीं मानी न ही किसी से सहारा मांगा। हमारे यहां फूड डिलीवरी और ड्राइवरी का काम हमेशा से ही पुरूष प्रधान माना जाता रहा है। लेकिन रूपा ने इस सोच को बदल दिया। उन्होंने Swiggy में बतौर फूड डिलीवरी का काम किया और पार्ट टाइम में ओला कैब भी चलाई। हमारे समाज में ये दोनों ही काम महिलाओं के लिए नहीं माने जाते थे। महीने में रूपा इससे आराम से अपना खर्च निकाल लेती हैं।
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तलाक के बाद रूपा अपने दस साल के बेटे को पाने की कानूनी लड़ाई भी लड़ रही हैं। इससे पहले वो एक निजी कंपनी में काम करती थीं लेकिन पिता की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी और इसके बाद वो फूड डिलीवरी कंपनी के लिए काम करने लगीं। पिता की मौत के बाद रूपा अकेली रह गई लेकिन फिर भी वो कमजोर नहीं पड़ीं।
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वह सुबह 8 से 5 तक स्विगी के लिए फूड डिलीवरी का काम करती हैं और शाम से रात तक कैब चलाती हैं। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया, फूड डिलीवरी का काम 5 बजे के बाद नहीं होता था, मैं अकेले क्या करती घर पर तो मैंने शाम को कैब चलाने का फैसला किया। इससे कमाई भी अच्छी हो जाती है, आराम से घर चल जाता है और समय भी कट जाता है। रूपा के काम को देखकर Swiggy ने इस साल अपनी कंपनी में 200 महिलाओं को नौकरी देने का फैसला किया है।
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