कभी पढ़ाई में जीरो रहे इस IPS की खासियत जानकर हैरान रह जाएंगे आप

कभी पढ़ाई में बेहद कमजोर रहे IPS अफसर शालिन अब NSG में DIG जैसे अहम पद पर जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। शालिन कभी पढ़ाई में इतने कमजोर थे कि IIT रूड़की में 34 स्टूडेंट्स में से उनकी रैंक 33वीं आई थी।
पंजाब के रहने वाले शालिन बताते हैं कि वे आज जहां पर भी हैं उसमें बिहारियों के गैंग का बहुत योगदान है। उन्होंने बताया कि कॉलेज में वे औसत दर्जे स्टूडेंट थे। इसलिए वे दूसरे स्टूडेंट्स के साथ खुद को असहज महसूस करते थे। इस दौरान उनकी दोस्ती कुछ बिहारी लड़कों से हुई, जिन्होंने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
बिहारी दोस्तों के कहने पर शुरू की सिविल सर्विसेज की तैयारी
उन्होंने बताया था कि कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने प्राइवेट नौकरी शुरू की। एक साल तक वे कंपनी में मैनेजमेंट ट्रेनी के तौर पर काम करते रहे। इसी दौरान उनके बिहारी दोस्तों ने अपनी कैंपस से मिली नौकरी छोड़ दी और सभी सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी में जुट गए।
शालिन के सभी दोस्तों ने उनसे भी नौकरी छोड़ सिविल सर्विसेज की तैयार को कहा। इसके बाद शालिन ने जॉब छोड़ दी और तैयारी में जुट गए। उन्होंने बताया कि इस दौरान उनके कई दोस्तों ने काफी हेल्प की। वे पढ़ाई में जुटे रहे और आखिरकार सिविल सर्विसेज का एग्जाम उन्होंने पास कर लिया। पूरे देश में उन्हें 34वां रैंक मिला।
क्लासमेट को बनाया जीवनसंगिनी
शालिन ने बताया कि वे रूड़की में एडमिशन से पहले IIT कानपुर में AERO SPACE की पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन लोगों ने कहा कि इसका कोई कैरियर नहीं है। फिर उन्होंने रूड़की में एडमिशन करवाया था। यहां उनकी क्लास में एक लड़की थी जो बाद में उनकी पत्नी बनी। उन्होंने बताया कि हालांकि मैं पढ़ाई में पीछे था लेकिन उनकी वाइफ हमेशा वन, टू या थ्री रैंक में रहा करती थी। शालिन ने बताया कि उनके तीन बच्चे (दो उनके और भतीजे को गोद लिया है।) हैं।
बता दें कि शालिन साल 2008 से 2014 तक पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के आंतरिक सुरक्षा घेरे के इंचार्ज थे। एसपीजी से वापस बिहार आने के बाद पहले उन्हें गया के डीआईजी फिर पटना के सेंट्रल रेंज की जिम्मेदारी मिली थी।
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