साइकिल से पुलिस हेडक्वाटर जाता है यह IPS अधिकारी, वजह जानते हैं...

हमारे देश में अभी भी पुलिसवाले का नाम लेने से दिमाग में एक पेट निकले हुए आदमी की शक्ल लोग बना लेते हैं, हालांकि ऐसा अब पूरी तरह नहीं है। ऐसे कई पुलिसवाले हैं जो पूरी तरह चुस्त और दुरुस्त हैं। ऐसे ही एक पुलिसवाले के बारे में हम आपको आज बताने जा रहे हैं जो अपनी फिटनेस की बदौलत अपने डिपार्टमेंट के लिए मिसाल बने हुए हैं।
मध्य प्रदेश में तैनात हैं IPS डीसी सागर
1992 बैच के IPS डीसी सागर अपनी फिटनेस को लेकर पूरे डिपार्टमेंट के लिए मिसाल बने हुए हैं। डीसी सागर मध्य प्रदेश के नक्सली इलाके बालाघाट रेंज के IG पद पर तैनात रहने के बाद वे अभी ADGP (टेक्निकल सर्विसेस) पुलिस मुख्यालय हैं।
आपको बता दें, डीसी सागर पुलिस डिपार्टमेंट में सबसे फिट अफसर में आते हैं। उनका मानना है कि सिर्फ नेचुरल तरीके से एक्सरसाइज, रनिंग और सही डाइट लेने से गठीला शरीर और सही फिटनेस पा सकते हैं।
फिटनेस के लिए क्या करते हैं सागर
सागर का मानना है कि जिस इंसान को अपने शरीर से प्यार होता है वो अपने शरीर की केयर करता है। उनके अनुसार, परफेक्ट फिटनेस का मतलब सिर्फ बॉडी बनाना नहीं, बल्कि फिट रहना है। वे अपने डेली रूटीन में जॉकिंग और एक्सरसाइज करते हैं, साथ ही साथ एक सही डाइट भी फॉलो करते हैं। वे फास्ट फूड से हमेशा दूर रहते हैं और नैचुरल खाद्य और पेय पदार्थ जैसे- दूध, दही, पनीर, चने के आटे की रोटी, दाल और ग्रीन सलाद ही लेते हैं। उनका मानना है कि 80 प्रतिशत सही/प्रोटीन युक्त डाइट और 20 प्रतिशत एक्सरसाइज से सही फिटनेस पाई जा सकती है।उनके अनुसार एक्सरसाइज के बाद हल्दी वाला दूध पीना चाहिए और सुबह उठकर फल, पनीर, बादाम और अंकुरित दाल खाना चाहिए।
साइकिल से सबसे ज्यादा फायदा
सागर बताते हैं कि साइकिल के यूज से फिटनेस भी बनती है। इसलिए वे अभी भी वीक में कई बार साइकिल का यूज करते हैं और साइकिल से PHQ (पुलिस हेडक्वाटर) भी जाते हैं। ADGP सागर नक्सली एरिया में भी जान खतरे में डालकर साइकिल से गश्त करते थे। उनका मानना है कि जिंदगी एक बार मिलती है, तो ड्यूटी मन लगाकर करनी चाहिए। सागर का मानना है कि साइकिल से गश्त करने से पुलिस वाले बीट में ज्यादा समय बिता सकते हैं, पतली गलियों में आसानी से गश्त कर सकते हैं। इसके साथ ही क्रिमिनल्स को गाड़ी की आवाज सुनकर भागने का मौका नहीं मिलता।
बच्चों को पढ़ाई के लिए करते हैं प्रेरित
सागर जब बालाघाट नक्सल इलाके में पोस्टेड थे, उस समय कम्यूनिटी पुलिसिंग के जरिए उनका स्टॉफ जनता से बात करके उनका विश्वास जीतता था। वे जब चंबल और बालाघाट में पोस्टेड थे, तब वे हमेशा गांव के लोगों से जाकर मिलते थे और उन्हें गवर्नमेंट स्कीम और उनके फायदे के बारे में जानकारी देते थे। तत्कालीन IG सागर का मानना था कि यदि लोग अपने रास्ते से भटकेंगे नहीं तो वे उनकी मदद से नक्सलवाद को कई हद तक खत्म कर सकेंगे। उनका ज्यादा ध्यान बच्चों की पढ़ाई के पर होता था, जिससे वहां के लोग अपने बच्चों को स्कूल जाने से न रोकें और उनका मानसिक विकास हो सके। ADGP सागर आज भी अपने स्टॉफ के साथ बच्चों के विकास के लिए बात करते हैं, और उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित भी करते हैं।
सागर का करियर
सागर का जन्म UP के बुलंदशहर में हुआ था। उनके पिता लखनऊ आर्मी में थे और मां हाऊस वाइफ थीं। उनकी स्कूलिंग तमिलनाडू, दिल्ली और जम्मू में हुई। दिल्ली के हंसराज कॉलेज से हिस्ट्री ऑनर्स के बाद उन्होंने LLB की भी पढ़ाई की। LLB करने का उद्देश्य ये था, कि वे पुलिसिंग में इसका सही तरह से प्रयोग कर सकें और समझ सकें कि किस मुताबिक तरह लॉ का यूज किया जा सकता है। इसके बाद वे 1992 बैच में IPS बने और मसूरी में ट्रेनिंग करने के बाद पहली पोस्टिंग बतौर SDOP नीमच में ज्वाइन की।
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