इंडिया स्किल्स कार्यक्रम ने मुझे देश और विदेश में दिलाई अलग पहचान: करिश्मा गुप्ता

मैंने अपना हुनर सिखाया और जिले से शुरू हुआ सफर विदेशी जमीं तक पहुंचा। अपने हुनर की ही बदौलत मैं विदेशी जमीं पर सफलता भी की इबारत लिखने में कामयाब रही है। अपने आपमें एक अलग तरह के ओलंपिक में दुनिया के 59 देशों के प्रतिभागियों के बीच में मुझे हुनर दिखाने का मौका मिला और भारत का छठवां स्थान आया है।
जी हां इंडिया स्किल्स कार्यक्रम में अपने हुनर का लोहा मनवा चुकी करिश्मा गुप्ता को वर्ल्ड स्किल्स ओलंपिक में हुनर दिखाने का अक्टूबर 2017 में मिला था। पुणे शहर में जन्मीं करिश्मा गुप्ता की बचपन से ख्वाहिश कुछ अलग करने की थी। करिश्मा के पिता सुनील गुप्ता आर्मी में रहे हैं तथा मां संगीता गुप्ता गृहणी है। 12वीं के बाद उन्होंने कुछ ऐसा ही करना शुरू किया और 'ब्यूटी थेरेपी' से डिप्लोमा करने के बाद ब्यूटी के क्षेत्र में ही जुट गई। महज 20 साल की उम्र में ही उन्होंने अपना नाम विश्व स्तर पर कमा लिया है।
और जब दिखा ब्यूटी थिरेपी में हुनर दिखाने का मौका

भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए कौशल विकास कार्यक्रम के तहत उन्हें अपने हुनर को दिखाने का मौका बड़े स्तर पर मिला। भारत सरकार द्वारा कराई गई इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता के माध्यम से उन्हें अपना हुनर दिखाने का मौका मिला। 2015 में क्षेत्रीय स्तर पर हुई प्रतियोगिताओं में सफलता हासिल करने के बाद उन्हें 2016 में राज्य पर क्षेत्र के स्तर पर चुना गया और आखिरकार उनका चयन अंतिम रूप से वर्ल्ड स्किल में हो गया। अबूधाबी में अक्टूबर 2017 में हुई वर्ल्ड स्किल्स ओलंपिक में उन्हें हुनर दिखाने का मौका मिला। इस प्रतियोगिता में करिश्मा ने अपने हुनर से भारत को छठवां स्थान दिलाया और उन्हें 'मिटालियन ऑफ एक्सीलेंट' के खिताब से नवाजा गया। करिश्मा की कैटेगरी में 29 देशों के प्रतिभागियों ने भाग लिया था। ब्यूटी थेरेपी में उन्होंने 9 बिन्दुओं पर पूरी तरह से फोकस किया। इससे पहले करिश्मा ने वर्ल्ड स्किल्स यूके 2015 में भारत का भी प्रतिनिधित्व किया था। इसके बाद सिंगापुर में विशेष प्रशिक्षण लिया। यहां पर प्रशिक्षण लेने के बाद 18 साल की उम्र में ब्रिटेन स्किल्स (2015) में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
ब्यूटी थेरेपी के जरिए आत्म निर्भर बन रही महिलाएं

ब्यूटी थेरेपी का भारत में काफी क्रेज बढ़ा हैं। अपने ही घर में आसानी से काम करके महिलाएं हर महीने में हजारों रुपये काम रही है और स्वयं अपने पैरों पर खड़ी हो रही है। यह कहना है करिश्मा गुप्ता का। करिश्मा कहती है कि भारत में इधर ब्यूटी थिरैपी का काफी क्रेज बढ़ा है। स्टार्टअप के लिहाज से ये अब बहुत प्लेटफार्म साबित हो रहा है। बहुत कम पैसे में ये बिजनेस शुरू किया जाता सकता है। ये ऐसा बिजनेस है कि जिसमें महिलाओं को अपने ही घर में रहकर इसको शुरू कर सकती है।
2019 के लिए तैयार कर रही है प्रतिभागी

2017 में भारत का मान बढ़ाने वाली करिश्मा इस समय प्रतिभागियों को तैयार करने में जुटी हुई हैं। अगले साल 2019 में होने वाले वर्ल्ड स्किल्स कार्यक्रम के लिए जुट गई है। करिश्मा इस समय क्षेत्रीय स्तर पर होने वाली स्किल्स प्रतियोगिता में जा रही है और वहां के प्रतिभागियों को गाइडेंस कर रही है। करिश्मा कहती है कि चारों क्षेत्रीय स्किल प्रतियोगिता में मुझे जाना है। इसके बाद जो भी प्रतिभागी जीतकर इंडिया स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में जीतकर आएंगी उनको सिखाना है। वे कहती हैं कि भारत का स्थान अगले साल होने वाले वर्ल्ड स्किल्स में आए इसके लिए सरकार भी प्रयासरत है और अच्छे प्रतिभागियों को खास तौर पर तैयार किया जा रहा है।
आखिर क्या है वर्ल्ड स्किल्स का महत्व

हुनर के क्षेत्र का ओलंपिक वर्ल्ड स्किल्स को कहा जाए तो गलत नहीं होगा। वर्ल्ड स्किल्स एक ऐसी प्रतियोगिता होती है। जिसमें अपने-अपने देश के हुनरबाजों को हराकर प्रतिभागी आते हैं। अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के कारण इसका महत्व बढ़ जाता है। इसमें अमेरिका सहित अन्य कई राष्ट्रों के प्रतिभाग भाग लेते हैं। अबूधाबी में 44वें वर्ल्ड स्किल्स कम्पीटिशन का आयोजन किया गया था। अब 45वां वर्ल्ड स्किल्स कम्पीटिशन रूस में होगा और उसके लिए अब भारत में प्रतिभागियों को चुने जाने की तैयारी शुरू हो गई है।
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