अपनी खुशी के लिए नौकरी छोड़ ऑटो ही क्यों न चलाना पड़े...

अगर आप से कहा जाय कि हिंदुस्तान लीवर में 9 से 5 की नौकरी करेंगे या ऑटो चलाना पसंद करेंगे तो आपका जवाब क्या होगा? मुझे लगता है लगभग सभी लोगों का जवाब 9 से 5 की हिंदुस्तान लीवर में नौकरी ही होगी। लेकिन एक शख्स ऐसा भी जिसने ये नौकरी छोड़ ऑटो चलाने का रास्ता चुना।
बात करीब 40 साल पुरानी है... मुंबई का रहने वाला यह शख्स हिंदुस्तान लीवर में नौकरी करता था, लेकिन उसको अपने काम में खुशी नहीं मिल रही थी तो उसने इसे छोड़ देने का फैसला किया। हालांकि इस शख्स को नौकरी के विकल्प के रूप में क्या करना है उसे नहीं पता था। फिर इस शख्स ने अपनी सेविंग से ऑटो खरीदने का फैसला किया और आज 40 साल बाद भी अपने इस पेशे से वो बेहद खुश है।
आखिर क्या थी वजह?
फेसबुक पेज ह्यूमंस ऑफ बांबे ने बीते दिनों इस शख्स की कहानी पोस्ट की। इसके मुताबिक अस शख्स ने खुशी को तलाशते हुए नौकरी छोड़ी। दरअसल इस शख्स को घूमने, नए लोगों से मिलने और फोटोग्राफी का शौक है जिसे वो अपने इस पेशे में आसानी से पूरा कर लेता है।
इस शख्स ने अपनी फोटोग्राफी के लिए लगभग पूरी दुनिया की सैर की है। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला शख्स जब किसी देश में फोटोग्राफी के लिए जाता है तो वहां पूछे जाने पर शान से बताता है कि वो मुंबई में ऑटो चलाता है।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
