बड़ी सोच का जादू : समोसे बनाने के लिए पति-पत्नी ने बेचा घर, बदली तकदीर

अप्रैल 2016 में शिखर सिंह और उनकी पत्नी निधि ने तय किया कि वे अपना फ्लैट बेचकर समोसे का काम शुरू करेंगे और उन्होंने ऐसा ही किया। बंगलुरू में 'समोसा सिंह' अब ब्रांड लोगों की पसंद बन चुका है। समोसे का बेहतरीन स्वाद लोगों को रिझा और ललचा रहा है। मगर चंद लोग ही इस बात को जानते हैं कि अपने इस स्टार्टअप के लिए पति और पत्नी ने अपनी अपना फ्लैट बेच दिया था। आज वह हर दिन करीब दस हजार समोसे की सेल कर रहे हैं।
निधि और उनके पति शिखर सिंह ने अपने फ्लैट को बेचकर साल 2016 में वॉकनस्टोव फूडवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाई। इसके बाद उन्होंने समोसा सिंह नाम से समोसे बनाना शुरू कर दिया। इन्होंने अपने ब्रांडेड समोसे की कीमतों को कम रखा है। 20 रुपए में आपको आलू वाले दो समोसे की एक प्लेट मिल सकती है और चिकन मखनी समोसे के दो पीस के लिए आपको 55 रुपए चुकाने होंगे।

पढ़ाई के दौरान हुई थी मुलाकात
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई करते हुए निधि और शिखर की मुलाकात हुई थी। निधि को लगा कि बायोटेक्नोलॉजी से अधिक उन्हें मार्केटिंग और सेल्स का काम पसंद है। उन्होंने साल 2007 में स्नातक करने के बाद अमेरिका स्थित फार्मा कंपनी के दिल्ली कार्यालय में बिजनेस डेवलपमेंट के रूप में नौकरी की। वहीं, शिखर को बायोटेक में रुचि थी तो वह हैदराबाद के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज में आगे की पढ़ाई करने चले आए। यहां शिखर को एहसास हुआ कि भारतीय स्नैक्स के लिए उपलब्ध कोई भी स्वच्छ, फास्ट फूड जैसा मॉडल नहीं था। उन्होंने निधि कि समोसा कियोस्क खोलने के बारे में कहा। दरअसल, देश के हर क्षेत्र में खाने की कोई न कोई अलग डिश है, लेकिन समोसा पूरे देश में बिकता है। यहीं से समोसा सिंह की शुरुआत हुई थी।
क्यों बेचना पड़ा फ्लैट
निधि की सेल्स और मार्केटिंग का बैकग्राउंड होने की वजह से उन्होंने कार्पोरेट्स तक पहुंच बनाने का फैसला किया। जर्मन इंजीनियरिंग की एक कंपनी ने उनसे पूछा कि क्या वे एक दिन में 8,000 समोसे मुहैया करा सकते हैं। निधि और शिखर ने उनसे कुछ समय मांगा। दरअसल, इसके लिए बड़े किचन की जरूरत थी। कर्मचारियों से एक दिन में 8000 समोसे तैयार कराना संभव नहीं था। तब उन्होंने अपना फ्लैट बेचने का फैसाल किया और उससे मिले पैसों से एक बड़ा रसोईघर बनाया। इसके बाद उन्होंने उस कॉर्पोरेट ऑफिस में दोबारा संपर्क कर बताया कि वे 8,000 समोसे दो हफ्ते में तैयार करके देंगे। उन्होंने काफी रिसर्च के बाद बिना प्रिजर्वेटिव्स के समोसे तैयार किए। वर्तमान में वे अब प्रतिदिन दस हजार से अधिक समोसे की सेल करते हैं। वहीं, अब उन्होंने अपने स्वाद की पहुंच को हैदराबाद सहित पुणे और आस-पास के अन्य क्षेत्रों में भी पहुंचाना शुरू कर दिया है। उनका लक्ष्य है कि वह अगले वित्तीय वर्ष में प्रतिदिन 50 हजार समोसे बेचें।
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