इस दिव्यांग के जज्बे को आप भी करेंगे सलाम

कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों...इसे सच साबित कर दिखाया है वसुंधरा के सेक्टर-4-सी की झुग्गी में रहने वाले 6 साल के एक दिव्यांग शिवा कुमार ने।
शिवा के बचपन से ही हाथ नहीं है, लेकिन उसने अपनी इस कमजोरी को कभी जिंदगी में आड़े नहीं आने दिया। उसी का नतीजा है कि शिवा अपने पैरों से अपना मुकद्दर बदलने की कोशिश में लगा है।
उसने पैरों से लिखना शुरू कर दिया है और पैरों से ही खाना खाने की आदत डाल ली है। शिवा ने दिव्यांग होने के बावजूद दूसरे की मदद करने का प्रण किया है।
हैलफैन एनजीओ कर रहा है शिवा को ट्रेन्ड
वसुंधरा सेक्टर-4 स्थित वार्तालोक सोसायटी के पास जरूरतमंद और गरीब बच्चों को हैलफैन एनजीओ की ओर से मुफ्त शिक्षा दी जाती है। इस एनजीओ की ओर से शिवा को ट्रेन्ड किया जा रहा है। एनजीओ की संचालिका आशा जोशी ने बताया कि शिवा वसुंधरा सेक्टर-4सी की झुग्गियों में रहता है।
शिवा के पिता पटना में मजदूरी करते हैं और मां मेड हैं। उन्होंने बताया कि एनजीओ की टीम ने 31 जनवरी 2017 को वसुंधरा सेक्टर-4सी में कैंप लगाया था। इस दौरान हाथों से लाचार शिवा को कैंप के मेंबर्स ने शिक्षा के लिए मॉटिवेट किया और पैरों से लिखने की कला सिखाई।
शिवा ने मात्र 4 महीने में ही पैरों से लिखने की कला सीख ली। अब पैरों से लिखने के अलावा खाना भी खाता है। जोशी ने बताया कि शिवा का सपना है कि वह बड़े होकर किसी पर बोझ न बने। एनजीओ में करीब 40 बच्चे हैं, जिन्हें डॉ. कुसुम जोशी, डॉ. गीता, डॉ. सुनीता और उषा कुमारी ट्रेन्ड कर रही हैं।
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