60 की उम्र में कम्प्यूटर सीखकर गोविंदी बाई ने पाया रोजगार, केंद्र सरकार ने बनाया ब्रांड एंबेसडर

सीखने की कोई उम्र नहीं होती है, अगर व्यक्ति ठान ले तो किसी भी उम्र में कुछ भी सीख सकता है। यह साबित कर दिखाया है छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित धमतरी जिले की 60 वर्षीय गोविंदी बाई ने। कम्प्यूटर सीखने के बाद अब वह राशन की दुकान पर काम भी कर रही है।
इस उम्र में कम्प्यूटर ज्ञान लेकर दूसरों को सीखने के लिए प्रेरित कर रही गोविंदी बाई को मोदी सरकार ने ब्रांड एंबेसडर बनाया है। जिन परिस्थितयों में उन्होंने कम्पयूटर को इस उम्र में सीखा है उसको जानकार आप भी हैरान रह जाएंगे। इस उम्र में कम्प्यटूर सिखने की उनकी ललक पर लोग हंसते थे। लेकिन उन्होंने समाज की प्रवाह किए बिना ही कम्प्यूटर चलाने की ट्रेनिंग ली और अब दूसरों को प्रेरित कर रही है। गोविंदी बाई की उपलब्धि को मोदी सरकार ने अपनी उपलब्धियों में गिनाया है। केंद्र सरकार की लिस्ट में नाम आने के बाद अब गोविंदी बाई की चर्चा पूरे जिले में हो रही है।
यह है गोविंदी बाई की कहानी

महज कक्षा पांच तक गोविंदी बाई के अंदर शुरू से ही कुछ अलग करने की ललक रही है। आधुनिक युग में युवाओं के हाथों में स्मार्टफोन व कम्पयूटर के माध्यम से सरल होते कामों को देखकर उनके भी मन में सीखने की लालसा जगी। उन्होंने तय किया कि अब वे आधुनिक युग के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगी। कम्प्यूटर सीखने के लिए जब गोविंदी बाई सेंटर पहुंची तो लोगों ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया। इस उम्र में कम्प्यूटर सीखने की उनकी लालसा को लोगों ने मजाक बना लिया।
कई लोगों ने तो यह भी कहा कि 60 साल की उम्र में कम्प्यूटर और इंटरनेट सीखकर क्या करेंगी आप। लेकिन आखिरकार उनका यह ख्वाब कम्प्यूटर केंद्र संचालिका सपना ने पूरा किया। अब कम्प्यूटर सीखने के बाद गोविंदी बाई राशन की दुकान पर काम कर रही है। यही मोदी सरकार ने डिजिटल इंडिया के सपनों को विस्तार देने वाली गोविंदी की इस उपलब्धि को सरकार के कैंपेन में जगह दी गई है। इसमें गोविंदी बाई को ब्रांड एंबेसडर के रूप में पेश किया गया है।
राशन की दुकान पर इस तरह करती है काम
स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत गोविंदी बाई ने कम्प्यूटर का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। जब उन्होंने कम्पूयटर का सीखना शुरू किया तो शुरुआत में थोड़ी दिक्कत हुई, लेकिन सीखने की ललक के आगे उन्होंने हार नहीं मानी। आखिरकार उन्होंने कम्पयूटर सीख ही लिया। इसमें उनके बेटों व परिजनों ने भरपूर मदद की। आखिरकार वह कम्प्यूटर व इंटरनेट चलाना सीख गई। अब ये सीखने के बाद उन्हें काम भी मिल गया। अब गोविंदी बाई राशन की दुकान पर ऑनलाइन काम कर रही है। इस उम्र में वह पैसा कमा रही है।
दूरसंचार मंत्री ने भी की गोविंदी बाई की तारीफ

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी गोविंदी बाई के जज्बे की तारीफ की। इस उम्र में अपनी मेहनत की वजह से गोविंदी बाई की काफी सराहना हो रही है। केंद्र सरकार ने ‘ट्रांसफार्मिंग इंडिया के 48 महीने’ के नाम से एक वीडियो तैयार किया है। इसमें गोविंदी बाई की पूरी कहानी बताई गई है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर वीडियो को शेयर भी किया है।
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