नक्सल इलाके की नम्रता ने UPSC में रचा इतिहास, CM ने दी शाबाशी

UPSC के नतीजे कई घरों में खुशियों की लहर और उम्मीद लेकर आए हैं। छत्तीसगढ़ में ये उम्मीद जगाई है घोर नक्सल प्रभावित इलाके की बेटी नम्रता जैन ने, उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 99वीं रैंक हासिल की है।
सीएम रमन सिंह ने नम्रता को बधाई देते हुए ट्विटर पर लिखा कि उम्मीद है कि किसी दिन वो दंतेवाड़ा की कलेक्टर बने। नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में पली-बढ़ी नम्रता जैन का सपना सिविल सेवाओं में शामिल होने का था और इस बार प्रतिष्ठित सेवाओं के परिणाम घोषित होने के साथ ही उनका सपना साकार हो गया।
नम्रता का सफर
हाई स्कूल की पढ़ाई के लिए दुर्ग एवं इंजीनियरिंग करने के लिए भिलाई का रुख करने से पहले जिले के अशांत गीदम शहर में पढ़ाई करने वाली नम्रता ने 1,099 सफल उम्मीदवारों में 99वीं रैंक लाकर इतिहास रच दिया। इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग करने के बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के लिए दिल्ली का रुख करने वाली नम्रता ने कहा कि परिणाम उसके लिए सपने की तरह था। उन्होंतने रायपुर से बताया, 'मैं इस परीक्षा में पास होने पर बहुत खुश हूं। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए सपने के साकार होने जैसा है'।
जापान के आधिकारिक दौरे पर गए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सफलता पर नम्रता को बधाई दी है। उन्होंने फेसबुक पर नम्रता की तस्वीर पोस्ट करते हुए अपने बधाई संदेश में लिखा कि 'दंतेवाड़ा की नम्रता का आईएएस के लिए चयन होना इस क्षेत्र में नए युग के सूर्योदय का संकेत है। शाबाश नम्रता! आपने न सिर्फ अपने माता-पिता बल्कि पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है। आपकी सफलता पर हम सभी को गर्व है'। नम्रता के रिश्तेदार सुरेश जैन ने भी गीदम से बताया, 'वह अपने स्कूल और कॉलेज के समय से ही बहुत पढ़ाकू रही हैं। हम सभी जानते थे कि एक दिन वह सिविल सेवा परीक्षा पास करेगी'।
दंतेवाड़ा के अधिकारियों को दिया धन्यवाद
उन्होंने कहा कि वो प्रभावित इलाके के लोगों को बताना चाहती हैं कि सरकार उनके साथ है। वो नक्सल प्रभावित इलाके में विकास करना चाहती हैं। नम्रता ने बताया कि उन्हें इंटरव्यू के लिए दंतेवाड़ा कलेक्टर, सीईओ और आईपीएस अधिकारी की मदद मिली वो उन्हें भी धन्यवाद देती हैं।
हमेशा से बनना चाहती थी कलेक्टर
नम्रता ने बताया कि वो हमेशा से कलेक्टर बनना चाहती थीं और आज उनका सपना पूरा हो गया है। नम्रता ने कहा कि वो डेढ़ साल से इस परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। उन्होंने भिलाई से इंजीनियरिंग की है। नम्रता अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, दोस्तों और अपनी मेहनत को देती हैं।
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