माउंटेन मैन से कम रोचक नहीं है इनकी कहानी, 80 की उम्र में बनायी सड़क

जूनून व संघर्ष एक दूसरे पूरक शब्द कहे जा सकते हैं, इनका इस्तेमाल अक्सर असंभव कार्यों के लिए किया जाता रहा है। बिहार के दशरथ मांझी ने पहाड़ काटकर रास्ता बना दिया था, जिसके बाद लोग उन्हें माउंटेन मैन के नाम जानने लगे। लेकिन पहाड़ काटकर रास्ता बनाने के लिए हिम्मत व जबरदस्त जूनून होना चाहिए। क्योंकि ऐसे काम आसान नहीं होते हैं। किसी ने सच ही कहा है कि जिंदगी की उड़ान पंखो से नहीं हौसलों से उड़ान भरी जाती है। जो कहानी हम आज हम आपको बताने जा रहे हैं, वह भी जूनून व संघर्ष का बेमिसाल उदाहरण है। ये कहानी एक 80 वर्षीय बुजुर्ग की है, जिसने अपनी मेहनत से आने वाली पीढ़ियों के सफर को बेहद आसान बना दिया है।
गांव से खेत तक जाने की विकट समस्या को दूर करने के लिए बुजुर्ग रामू यादव ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर कुदाल से रास्ता बना दिया। इन दंपत्तियों ने मिलकर न सिर्फ रास्ता बनाया है, बल्कि एक इतिहास रचने का काम किया है। बैतुल जिले के चिचौली विकास खंड में बालईमाल गांव के 80 वर्षीय रामू यादव ने अपनी 75 वर्षीय बीवी के साथ मिलकर लगभग दो किलोमीटर का कच्चा गेवल मार्ग बना डाला।
इस महान काम को करने के लिए इस बुजुर्ग दंम्पति को पूरा एक साल लगा है। इस मार्ग के बनकर तैयार हो जाने के बाद अब गांव के लोगों खेत तक गाड़ी, बैल और ट्रैक्टर भी ले जा पा रहे हैं। दोनों दंपत्ति का मानना है कि आज हमें जरुरत थी तो दोनों ने मिलकर इस सड़क का निर्माण कर दिया। इस सड़क का उपयोग आने वाली पीढ़ी भी करे, इसके लिए कोई रोक-टोक नहीं यही है। ऐसे में इस गांव के भाग्य इस सड़क ने जगा दिए हैं।
रामू यादव से जब ये पूछा गया कि उन्हें ऐसा क्यों करना पड़ा, तो वह बताते हैं कि उन्हें अपने खेत तक पहुंचने के लिए जंगल के रास्ते से जाना होता था। ये रास्ता पगडंडी था, जिस पर सिर्फ पैदल आया जाया जा सकता था। रास्ता बेहद उबड़ खबड़ होने के साथ बेहद पथरीला था। ऊपर से पहाड़ की चढ़ाई, जहां पैदल के अलावा गाड़ी बैल भी नहीं जा सकती है। इस बुजुर्ग ने पहाड़ को भी खोद डाला। दोनों ने मिलकर 10 फीट चौड़ा और लगभग 2 किलोमीटर मार्ग तैयार कर दिया। अब इस मार्ग से 80 वर्षीय रामू यादव और उनकी पत्नी बैल गाड़ी से अपने खेत जाते है। बुर्जग दंम्पती के हौसले की दास्तान गांव वालों को भी हैरत में डाल दिया। लेकिन ये बुजुर्ग दंपत्ति वास्तव में भावी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है। जिससे हमें कठिन मेहनत व संघर्ष करके रास्ता बनाने की सीख मिलती है।
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