अब्दुल कलाम से प्रेरणा लेकर किसान की ये बेटी पहुंच गई नासा

अगर आपने कुछ करने की ठान ली है तो कितनी भी मुश्किलें आए सफलता जरूर मिलती है। ऐसी ही सफलता की नई इबारत लिखी है केरल की रहने वाली आश्ना सुधाकर ने। नासा में तीन महीने की इंटर्नशिप करके आश्ना अब एक रिसर्च स्कॉलर बन चुकी हैं।
केरल के कोझिकोड जिले के कोडुवल्ली गांव की रहने वाली आश्ना के पिता एक किसान हैं और उसकी पूरी पढ़ाई सरकारी स्कूल में हुई है। गाँव के स्कूल से पढ़ाई करके निकलने वाले बच्चे पीछे रह जाते हैं इस बात को आश्ना ने गलत साबित कर दिया है। वह देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को अपनी प्रेरणा मानती है और उनका कहना है 'जब वह 10वीं कक्षा में थी तब अब्दुल कलाम का भाषण सुना था, उसी से प्रेरणा लेकर वह आगे बढ़ीं और आज रिसर्च स्कॉलर बन गई हैं।
आश्ना का यह भी कहना है मुझे आठवीं क्लास तक ये नहीं पता था कि आंतरिक्ष जैसी भी कोई चीज होती है। लेकिन आज वो नासा के गोडार्ड स्पेस फाइटिंग स्पेस सेंटर में इंटर्नशिप कर चुकी हैं। डेक्कन क्रॉनिकल से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि 'मैने यह कभी नहीं सोचा था कि मुझे नासा में इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा, मुझे लगता था कि मैं इसरो या फिर विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में काम करूंगी।
आश्ना ने MSC फिजिक्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में इंटर्नशिप के लिए अप्लाई किया लेकिन उनका ये आवेदन स्वीकार नहीं किया गया। इसके बाद भी उन्होंने अपनी कोशिश जारी रखी, स्कूल पूरा होने के बाद उन्होंने फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया और फिर तिरुचिरापल्ली से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। आश्ना ने अपनी एमफिल थीसिस इंटर्नशिप के लिए 100 साल पुरानी कोडइनकल फिजिक्स ऑब्जर्वेटरी में आवेदन किया था। वहां पर आश्ना का इंटरव्यू अच्छा नहीं रहा, बाद में उन्होंने नैनीताल स्थित आर्यभट्ट रिसर्च सेंटर में भी आवेदन किया। वहीं इस दौरान उन्होंने पूरे भारत में अंतरिक्ष से जुड़े कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया। वह 15 दिन के लिए महाराष्ट्र में थीं, वहां पर उन्होंने नासा की SCOSTEP विजिटिंग स्कॉलरशिप के बारे में जानकारी हासिल की।
SCOSTEP के तहत युवा वैज्ञानिकों को सोलर भौतिकी लैब्स के बारे में जानकारी दी जाती है। आश्ना का रिसर्च सूर्य के जिओ इफेक्टिवनेस पर आधारित था, यह स्कॉलरशिप एक साल में सिर्फ चार लोगों को ही मिलती है। कुछ समय बाद उन्हें नासा की तरफ से मेल मिला कि उन्हें गोडार्ड स्पेस फ्लाइट स्पेस सेंटर में इंटर्नशिप मिल गई है।
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