कभी 1700 रुपये कमाने वाली अंजलि का आज है करोड़ों का कारोबार

कहते हैं हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती। जो मुश्किल हालातों के आगे बिना झुके उनका सामना करते रहते हैं एक न एक दिन सफलता उनके कदम चूमती ही है।
ऐसी सफलता की कहानी लखनऊ की अंजलि सिंह ने लिखी है। कभी 1700 रुपये महीने में नौकरी करने वाली अंजलि आज 8 से 10 लाख रुपये हर महीने कमाती हैं, साथ ही बहुत से लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराती हैं। हाल ही में अंजलि को आउटस्टैंडिंग विमेन आंत्रेप्रेन्योर के लिए फिक्की फ्लो अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। आईये डालते हैं एक नज़र डालते हैं अंजलि के गौरवमयी सफलता के सफर पर...
1700 रुपये से शुरू की थी नौकरी
एयर हॉस्टेस बनने की ख्वाहिश रखने वाली अंजलि लड़की होने और मध्य वर्गीय परिवार से ताल्लुकात रखने की वजह से अपने ख्वाब को हकीकत में नहीं बदल सकीं। घर में अकेली लड़की होने की वजह से परिवार ने उन्हें पढ़ाई के लिए शहर से बाहर नहीं भेजा और उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से ही एमबीए किया।
2001 में एमबीए की डिग्री लेने के बाद अंजली ने लखनऊ के शिवगढ़ रिजॉर्ट से अपना पेशेवर जीवन शुरू किया और सैलरी के तौर पर उन्हें 1700 रुपए महीने मिलते थे।
उसके बाद अंजलि ने 2001 में ही आईएसएफएआई यूनिवर्सिटी की लखनऊ शाखा में काउंसलर के पद पर ज्वाइन किया, जहां 4,000 रुपए वेतन मिलता था। अंजलि बताती हैं कि 2009 में पदोन्नति हुई और उसी कंपनी में मैं मार्केटिंग मैनेजर बन गई। उस वक्त मेरा वेतन 20 हजार रूपये था।
2009 में जूट के बैग्स बनाने का काम शुरू किया
अंजलि बताती हैं कि निजी कंपनियों में काम करने के दौरान उन्होंने महिला उत्थान के अपने बचपन के सपने को साकार करने की सोची। उनके मन में बचपन से ही शोषित वर्ग की महिलाओं के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा थी। अंजलि के पिता बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी करते थे।
उन्होंने वीआरएस लेकर 1995 में भारतीय सेवा संस्थान नाम से एक एनजीओ शुरू किया था। अंजली कहती हैं कि पापा को नेशनल जूट बोर्ड मिनिस्टरी ऑफ टेक्सटाइल गवर्मेंट ऑफ इंडिया से जूट से डिफरेंट टाइप के आइटम बनाने का प्रोजेक्ट मिला था।
साल 2009 में मैंने पापा के एनजीओ में काम करने वाली शबनम को अपने साथ लेकर जूट के बैग्स और दूसरे आइटम्स बनाने का काम शुरू किया। धीरे-धीरे 25 से 30 महिलाएं साथ जुड़ गईं। कंपनी शुरू करने के लिए सरकारी बैंक से 15 लाख रुपए लोन भी लिया।
सालाना एक करोड़ का है टर्नओवर
वर्तमान में अंजली और उनकी कंपनी द्वारा 500 से ज्यादा गरीब महिलाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दे रही हैं। अंजली की संस्था जूट आर्टीजन्स गिल्ड एसोसियेशन से जुड़ी महिलाओं द्वारा जूट के उपयोगी उत्पाद जैसे- शॉपिंग बैग, फाइल फोल्डर तथा सेमीनार/ कॉन्फ्रेंसिज़ हेतु डेलीगेट किट/ बैग/ फोल्डर तैयार किए जा रहे हैं, जिससे प्लास्टिक व पॉलीथीन का उपयोग भी घटा है।
इस तरह अंजली सिंह के प्रयासों से महिलाओं को समाज में अपना स्थान प्राप्त करने के साथ-साथ आर्थिक सशक्तीकरण को असीमित बल मिल पा रहा है। आज इस कंपनी की लखनऊ में ही 4 शाखाएं हैं, जिसमें 200 से ज्यादा महिलाएं काम करती हैं। कंपनी का सलाना टर्नओवर 1 करोड़ से ऊपर है।
अंजलि को मिल चुके हैं ये अवॉर्ड
-अंजली को 29 अप्रैल 2017 को गवर्नर राम नाइक ने आउटस्टैंडिंग वुमन आंत्रेप्रेन्योर के लिए फिक्की फ्लो अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
-8 मार्च 2017 को लखनऊ मैनेजमेंट एसोशिएशन ने बेस्ट वुमन आंत्रेप्रन्योर अवॉर्ड से सम्मानित किया।
-8 मार्च को ही इस्टर्न मसाला कंपनी की तरफ से भी बेस्ट विमेन आंत्रेप्रेन्योर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, साथ ही मई 2017 में HT मीडिया द्वारा अवॉर्ड के लिए नोमिनेट भी किया जा चुका है।
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