अपनों ने छोड़ा साथ फिर भी 63 साल की उम्र में वीणा कहती हैं 'लव यू जिंदगी'

63 साल की वीणा पाणि हर मौसम में प्रतिदिन सुबह पूरी ताकत से उठती हैं और अपना काम करती है। उनके चेहरे पर कभी भी शिकन नहीं दिखायी देती। उन्हें अपनी जिंदगी से कोई शिकायत नहीं है। खास बात ये है की ऐसे दौर में जब बेरोजगारी से तंग आकर तमाम नौजवान खुदकुशी कर रहे हैं 63 साल की ये महिला कहती है 'जीवन एक संघर्ष है संघर्ष करना सीखो।'
वीणा की कहानी
सन 2000 में जब वो 47 साल की थीं तो उन्होंने अखबार में शादी का एक इश्तेहार पढ़ा। तब तक अकेले जिंदगी बिता रही वीणा पाणि ने उत्तराखंड निवासी तीन बेटों के पिता उमेश चंद्र उप्रेती से उनकी जिंदगी में रंग भरने के लिए शादी कर ली। उनके पति के बेटे उस समय छोटे थे तो उनको मां का प्यार मिल गया और खुशहाल जिंदगी जीने लगे।
लेकिन, ये सब ज्यादा दिन तक नहीं चल पाया बेटे बड़े हुए तो उन्हें अपनी सौतेली मां अब रास नहीं आ रही थी। अब वो अपने पैरों पर खड़े हो चुके थे। दिल्ली में अपने पति और तीन बेटों के साथ रहने वाली वीणा के बुरे दिन तक शुरू हो गए जब उनके पति 2006 में रिटायर हो गए।
अपनों ने तोड़ दिया रिश्ता
हालांकि वीणा जो खुद जनसंख्या विभाग में काम कर रहीं थी, 2013 में जब रिटायर हुईं तो उनके बेटों ने उनका घर में रहना मुहाल कर दिया। इसके बाद उनके घर में लगातार विवाद होता रहा जिसके बाद वीणा ने सभी रिश्ते तोड़ दिल्ली छोड़ इलाहाबाद आने का फैसला किया, जहां उनकी बहन रहती हैं। इसके बाद उनके पति के बेटों ने कभी उनका हाल जानने की कोशिश नहीं की।
इलाहाबाद लौटने के बाद वीणा के सामने थी जिंदगी को जीने के लिए किसी सहारे की जरूरत थी, एक बहन के अलावा उनका अपना तो कोई था नहीं। उनकी बहन भी उनको आर्थिक मदद देने में नाकाम थीं तो वीणा ने अपनी बचत के पैसों से एक ई-रिक्शा खरीदा।
शुरू में उन्होंने रिक्शा चलवाने के लिए ड्राइवर भी रखे लेकिन जब ड्राइवर काम छोड़ कर भागने लगे तो वीणापाणि ने खुद रिक्शा चलने का फैसला किया। आज वीणा इलाहाबाद की गलियों में ई-रिक्शा चलाते हुए देखा जा सकता है। इलाहाबाद के सिविल लाइंस इलाके के अलोपीबाग में रहने वाली वीणा को आज अपने परिवार को लेकर कोई मलाल नहीं है। वो आज भी जिंदादिली से अपने रिक्शे को चलाती हैं और 63 साल की उम्र में आत्मनिर्भर हैं।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
