90 की उम्र में भी मीन सिंह जगा रहे पर्यावरण संरक्षण की अलख

एक लाख पौधों को लगाकर बढ़ाया वन का रकबा
सिरमौर जिला में भी वनमाफियाओं द्वारा पेड़ों की कटान की जा रही है। जिसकी वजह से यहां पर भी दिन-प्रतिदिन पेड़ों का औसत रकबा कम होता जा रहा है। पेड़ों के कटान की समस्या को देखते हुए उन्होंने किसी का विरोध नहीं किया बल्कि उन्होंने जिले में आरक्षित वनों की भूमि पर मीन सिंह ने पेड़ लगाकर पूरा जीवन पर्यावरण संरक्षण में लगा दिया। उन्होंने शुरू किया बंजर भूमि पर पौधों को लगाना। बंजर भूमि पर पौधे रोप कर जंगल तैयार करने में उन्होंने पेड़ों की देख रेख बच्चों की तरफ की। और बेहतर से बेहतर पौधों को तैयार किया। नौहराधार तहसील की देवना पंचायत के फागनी निवासी मीन सिंह देवदार, बान, चीड़, कायल व रुबीना एक लाख से अधिक पौधे रोप चुके हैं। यहां पर एक जंगल तैयार जो चुका है। यही नहीं उन्होंने पिछले 20 वर्ष से बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देते हुए कई बीघा जमीन पर सेब का बगीचा भी तैयार किया है जो कि आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम कर रहा है।
1960 की दशक से कर रहे हैं पौधरोपण
पर्यावरण व पेड़ों से इतना लगाव था कि उन्होंने अपना निवास स्थान भी जंगलों में बनाया। मीन सिंह को बचपन से ही पौधे लगाने का शौक था। 1960 के दशक में उन्होंने वन विभाग में पौधरोपण का कार्य किया और उसके बाद प्रतिवर्ष निजी व सरकारी भूमि में पौधे रोपने का कार्य शुरू कर दिया। क्षेत्र की बंजर भूमि पर देवदार, बान व चीड़ के बीजों को फेंका और कुछ समय बाद बीजों ने पौधों का रूप लेना शुरू कर दिया। अब वहां जंगल तैयार हो गया है। जहां भी उन्हें बंजर जमीन मिलती, वहां वे पौधे रोप देते है। इस उम्र में भी मीन सिंह प्रतिवर्ष बान, देवदार व चीड़ के बीज एकत्रित करते हैं, फिर बरसात के मौसम में उन्हें जंगल में गिराकर अंकुरित होकर पौधे बनते देखने के लिए क्षेत्र को दौरा करते हैं।
ऐसे तैयार करते हैं जंगल
मीन सिंह पेड़ों को तैयार करते हैं मौसम के अनुसार ही। देवदार, बान व चीड़ के बीज पेड़ों से गिरते हंै, तो मीन सिंह इन बीजों को इक्कठा करते हैं। इसके बाद बरसात में इन बीजों को वृक्ष रहित भूमि में गिराते हैं। बंजर भूमि में गिराए बीजों से अंकुरित होकर पौधे उत्पन्न होते हैं और यह पौधे धीरे-धीरे जंगल का रूप ले लेते हैं। इन पौधों का मीन सिंह बच्चों की तरह देखरेख भी करते हैं। बंजर भूमि से रहित किया क्षेत्र आज फागनी व देवना में कही भी बंजर भूमि नहीं है। क्षेत्र की सारी भूमि देवदार, बान व चीड़ के जंगलों से भरी है।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
