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60 साल की उम्र यानि रिटायरमेंट बाद हर कोई आराम करना चाहता है, लेकिन कुछ लोग इसे जिंदगी का दूसरा फेज समझकर रुकने के बजाय आगे बढ़ते हैं। कुछ करने का जज्बा हो तो उम्र कम हो या ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।
89 साल की लतिका चक्रवती भी उन्हीं लोगों में एक हैं। उन्होंने उम्र के आखिरी पड़ाव पर ना सिर्फ ऑनलाइन बिज़नेस शुरु करने की सोची बल्कि उसे सफल भी करके दिखाया। लतिका ऑनलाइन शॉपिंग साइट के जरिए पुरानी साड़ियों से बनें हैंडबैग्स और पोटली बनाकर बेचती हैं जो वो खुद अपने हाथों से बनाती हैं। असम की रहने वाली लतिका की शादी कृष्ण लाल चक्रबर्ती से हुई, जो सर्वे ऑफ़ इंडिया में एक सर्वेक्षक थे। पति की मौत के बाद वो अपने बेटे इंडियन नेवल ऑफिसर कैप्टन राज चक्रवर्ती के साथ रही हैं।
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लतिका बताती हैं, पति और बेटे की नौकरी ऐसी थी कि मैंने पूरी जिंदगी यात्राएं की हैं। इस दौरान मैंने कई सारी अलग-अलग डिजाइन की साड़ियां और कुर्ते खरीदे थे जो आज के समय में नहीं मिलेंगे। लतिका को हमेशा से ही सिलाई-कढ़ाई और पुरानी चीजों से नई चीजें बनाने का शौक था और अपने शौक को उन्होंने आगे बढ़ाया। अपनी पुरानी सिलाई मशीन पर पुरानी साड़ियों से नए हैंडबैग्स बनाने लगी। इन्हें बेचने के लिए उन्होंने ऑनलाइन शॉपिंग साइट का सहारा लिया।
2014 से उन्होंने पुराने कपड़ों से पोटलियों और बैग बनाने का काम शुरू किया और अब तक 300 से ज्यादा पोटली और बैग बना चुकी हैं। लतिका हर खास मौकों पर अपनी इन्हीं बनी हुई पोटलियों को दोस्तों और परिवार वालों को गिफ्ट किया करती थीं।
धीरे-धीरे लतिका ने खुद की ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट शुरू कर दी है। latikasbags.com नाम से इस वेबसाइट पर उनके हैंडबैग्स और पोटलियों को देखा जा सकता है। देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग इन प्रोडेक्ट को खरीदते हैं। 89 साल की उम्र में भी उनका ये जज्बा काबिले तारीफ हैं। लतिका की इस कहानी से आज के युवाओं को सीख लेनी चाहिए कि लगन और कुछ करने की चाह हो तो सफलता मिलकर रहती है।
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