नाटू भाई मैरेज ब्यूरो: यहां मिलता है 50 की उम्र के बाद भी शादी का मौका

अब तक नाटूभाई 95 शादी करा चुके हैं। 22 जोड़े लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हैं। गुजरात के नाटूभाई योजना मंत्रालय के सेवानिवृत्त्त सुपरिटेंडेंट हैं। भुज में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान उनकी नियुक्ति कच्छ में थी। नाटूभाई जिस तीन-मंजिला इमारत में रहते थे वो पूरी तरह ढह गई। इस हादसे में नाटूभाई नें अपने कई साथियों को खो दिया था।
उस दिन छुट्टी थी और मैं अपने घर अहमदाबाद गया हुआ था। इसलिए मैं बच गया। मैंने देखा कि अपने साथी को खो देने के बाद किस तरह लोगों की जिंदगी बिखर गई थी। तब मुझे इन लोगों के लिए कुछ करने का ख्याल आया। 2002 से मैं इस उद्देश्य के लिए काम कर रहा हूं: नाटू भाई
अकेलापन धीमा जहर
नाटूभाई का कहना है, 'अकेलापन धीमे जहर की तरह होता है। मुझे लगता है सभी को साथी की जरूरत होती है, खास तौर पर 50-60 की उम्र के लोगों को। अपना ख्याल रखने के लिए, बातें करने के लिए हमें किसी की जरूरत होती है। मुझे लगता है किसी का अपने जीवनसाथी के साथ होना उसकी उम्र को 5-10 साल तक बढ़ा सकता है। कई लोग बुढ़ापे में भी शादी करना चाहते हैं। उन्हें शादी करने का अधिकार भी है। लेकिन सामाजिक बाध्यता के कारण वो शादी नहीं करते हैं। मैं ऐसे लोगों को जीवनसाथी ढूंढने में मदद करना चाहता हूं।
शादी के इच्छुक लोगों को अपने साथ फोटो, बायोडाटा, और पहचानपत्र लाना होता है
नाटू भाई 4 लोगों की टीम के साथ काम करते है। हर महीने दो सत्र में बैठक होती है। इन बैठकों में लोग एक दूसरे को जानते हैं और घुलते मिलते हैं। इनमें से एक सत्र अहमदाबाद में ही होता है, जबकि दूसरा गुजरात के बाहर होता है। अब तक इंदौर, भोपाल, रायपुर, जयपुर, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, कश्मीर जैसी जगहों पर बैठक कर चुके हैं। बैठक के 7 से 10 दिन पहले नाटूभाई अखबारों में विज्ञापन देते हैं।
ये पूरे दिन का कार्यक्रम होता है। लोग एक दूसरे से बात करते हैं। VAMS (वीना मूल्य अमूल्य सेवा) की अगली बैठक दिल्ली पंजाब औऱ केरल में होने वाली है। बैठक में आने वाले शादी के इच्छुक लोगों को अपने साथ फोटो, बायोडाटा, और पहचानपत्र लाना होता है।
इसके अलावा नाटूभाई के पास व्यक्तिगत रूप से भी लोग अपने परिजनों के लिए रिश्ता ढूंढने आते हैं। नाटूभाई के पास लगभग 7,000 वरिष्ठ नागरिक, 10.000 और 1000 दिव्यांगो के बायोडाटा हैं।
VAMS में रिश्ता ढूंढ रहे लोगों का पंजीकरण होता है। उन्हें तलाक के कागज, साथी का मृत्युप्रमाण पत्र देना होता है। नाटूभाई इन वरिष्ठ नागरिकों से मिलकर उनकी समस्याएँ समझते हैं। इसके बाद अपने डाटाबेस से वो सही रिश्ता ढूँढकर लोगों को संपर्क में लाते हैं।
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