50 वर्ष की विधवा कोमोला ने खोजी अपनी खुशी, 25 वर्ष बाद रचाई दूसरी शादी

ढलती उम्र में अकेलापन बहुत ही कष्टदाई होता है, जब बच्चे बड़े हो जाते और अपनी जिंदगी में व्यस्त हो जाते हैं। ऐसे में जिंदगी अकेली सी हो जाती है और उस समय अपने हमसफर की बहुत आवश्यकता महसूस होती है। शायद यही सोचकर समाज की एक विधवा महिला ने 50 साल की उम्र में दोबारा शादी रचा कर समाज की रूढ़ीवादी सोच को बदलने की कोशिश की है।
कम उम्र में अपने पति को खो चुकीं कोमोला जब अपने बच्चों से जुड़ी सभी जिम्मेदारियों से निपट गईं तो उन्होंने अपने लिए एक जीवन साथी खोज लिया और उसके साथ शादी भी कर ली। अब कोमोला कहती हैं कि अगर मैं शायद समाज से डरती तो मुझे अपनी जिंदगी वापस न मिलती और मैं शायद तान्हा में जिंदगी गुजार करके न जाने अब तक कहा होती। कोमोला ने एक विधवा होने के बाद जिस तरीके से अपनी शादी रचाई है, वह वास्वत में समाज के सामने एक नजीर है। कोमोला ने कम उम्र में पति खोने के बाद अपनी संघर्ष भरी जिंदगी बच्चों की खातिर गुजार दी, लेकिन अब जब बच्चे बड़े हो गए और उनकी शादी करा दी तो वह तन्हा हो गई और ऐसे में उसने शादी रचा ली। कोमोला की यह शादी इस समय खूब वायरल हो रही है।
25 साल की उम्र में विधवा हो गई थी कोमोला
बांग्लादेश के फोटोग्राफर जीएमबी आकाश द्वारा सोशल मीडिया पर डाली गई स्टोरी के अनुसार विधवा कोमोला ने अपने पति को महज 25 साल की उम्र में खो दिया था। जब वे महज 25 वर्ष की थी तब उनके पति उनका साथ छोड़कर चले गये। इसके बाद कोमोला ने अपने बच्चों की खुशी की खातिरी दूसरी शादी नहीं रचाई। कोमोला ने अपना और तीन बच्चों के भरण-पोषण के लिये ब्रेड और अंडे बेचकर गुजर बसर की थी। उनकी कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार उन्होने एक रेस्टोरेंट खोल लिया। फिर उस आमदनी से अपने गांव में जमीन खरीदकर वहां मकान बनवाया और अपने बच्चों की शादी की। कोमोला अपनी सारी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही थी, लेकिन अंदर से बिल्कुल अकेली थी।
एक दिन रेस्टोरेंट में आया नया हमसफर
अपने बूते पूरे परिवार को नए सिरे से खड़ा करने वाली कोमोला खुद स्वावलंबी थी लेकिन इसके बाद भी उसे अकेले की कमी खल रही थी। उसकी इस अकेली जिंदगी में भावनात्मक रूप से उसे कोई सहारा देने वाला नहीं था। लेकिन किस्मत ने तो उसके लिए कुछ और ही सोचा था। एक मजदूर उसके रेस्टोरेंट पर अकसर आया करता था। एक दिन वो कोमोला की ओर आकर्षित हो गया। फिर क्या था वो रोज़ उसे देखने रेस्टोरेंट आता, लेकिन उसने कभी एक शब्द नहीं कहा। यहां तक कि वो रेस्टोरेंट में उसके कामों में हाथ भी बंटाता। कभी बर्तन धोता तो कभी सफाई कर देता। वो मजदूर हर तरह से कोमोला की मदद कर रहा था। दोनों के बीच प्यार पनपने लगा। फिर एक दिन उसने कोमोला को शादी के लिए प्रपोज कर दिया।
कोमोला भी डरीं समाज से और बच्चों ने की मजदूर की पिटाई
कोमोला के सामने शादी का प्रपोजल आते ही वह खुशी से भूली नहीं समा रही थी, लेकिन इस उम्र में शादी करना उसके लिए शोभा नहीं देता था। वह समाज से डर रही थी कि आखिरकार समाज उसे क्या कहेगा? इसी बीच जब उसके बच्चां को पता चला कि उसी मां मजदूर के साथ शादी करने जा रही है तो फिर उन्होंने उस मजदूर की खूब पिटाई की और तो और कोमोला ने उसे गांव से चले जाने के लिए कह दिया। मजदूर चला भी गया और इस तरह से एक बार फिर से कोमोला अकेले हो गई। उसकी भावनाओं को कोई नहीं समझ पा रहा था।
फिर मिले दोनों और रचा ली शादी
कोमोला एक बार फिर अकेली हो गई. कोई उसकी भावनाओं को नहीं समझ रहा था। लेकिन वो कहते हैं न कि अगर प्यार सच्चा हो तो दूरियां भी नजदिकियों में बदल जाती हैं। उनके साथ भी यही हुआ। एक फिल्मी गीत भी है कि प्यार करने वाले कभी डरते नहीं जो डरते हैं वो प्यार करते नहीं। ऐसी कुछ हुआ इस लवस्टोरी में। दोनों अकेले में थे एक बार फिर से कोमोला की जिंदगी में बहार के रूप में वापस मजदूर आया। हालांकि कोमोला को लगता था कि बच्चों के हाथों मिली बेइज्जती के बाद वो फिर कभी नहीं लौटेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उसके रेस्टोरेंट पर जैसे ही मजदूर आया फिर उसने कोमोला के समक्ष शादी के लिये प्रपोज किया।
मजदूर द्वारा यह प्रपोजल रखते ही इस बार कोमोला ने समाज की परवाह न करते हुए अपने दिल की सुनी और शादी के लिये हां कर दिया। और मजदूर के साथ दूसरी शादी रचा ली। पिछले 5 सालों से दोनों साथ में हैं और मिलकर छोटा सा रेस्टोरेंट चला रहे हैं। कोमोला की मदद वैसे ही कर रहा है जैसे की पहले किया करता था। अब कोमोला को इस बात की ज़रा भी परवाह नहीं कि समाज उसके बारे में क्या बातें करता है। लोग कोमोला पर हंसते हैं और उसके बारे में बुरी-बुरी बाते करते हैं। लेकिन कमोला को फर्क नहीं पड़ता। आखिर उसके पास दुनिया की सबसे अनमोल चीज हमसफर का साथ और प्यार जो है।
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