सीने में था घाव और हथियारबंद माओवादी हमलावरों से अकेला लड़ता रहा ये जवान

सी-60 कमांडो पुलिस के जवान गोमजी मत्तामी रविवार को सीने में घाव होने के बावजूद हथियारबंद माओवादियों से लोहा लिया और उन्हें खदेड़ने में सफल रहे। 2006 से नागपुर की जिला पुलिस का हिस्सा रहे 33 साल से गोमजी अपनी उम्र से ज्यादा मुठभेड़ों में हिस्सा ले चुके हैं। गढ़चिरौली हेडक्वार्टर्स में तैनात गोमजी का चार माओवादियों से सामना इटापल्ली तालुका के जांबिया गट्टा में हुआ।
गोमजी की हिम्मत की न सिर्फ पुलिस विभाग में तारीफ हो रही है, बल्कि इसके लिए अगले साल उन्हें वीरता पुरस्कार भी मिल सकता है। गोमजी ने माओवादी हमलावरों से अपनी एके 47 राइफल भी छीन ली और उन्हें वहां से खेदड़ भी दिया। इस मुठभेड़ में वह घायल हो गए और उनके सीने में घाव में गया लेकिन वह व्यस्त बाजार में भाग रहे हमलावरों का पीछा करते रहे। यह माओवादी टुकड़ियों में अचानक हमला करते हैं और अक्सर जवानों पर ऐसे अटैक कर उनके हथियार छीन लेते हैं। इस बार वे अपने हथियार और दस कारतूस छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए।
सादे कपड़ों में माओवादियों की एक ऐक्शन टीम ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया था जब वह साप्ताहिक बाजार से अपनी पुलिस पोस्ट पर वापस लौट रहे थे। उनकी बाकी टीम आगे निकल गई थी और वह अपने एक साथी से मिलने के लिए बाजार में रुक गए थे।
वेबसाइट टाइम्स आॅफ इंडिया के मुताबिक, गोमजी बताते हैं कि इससे पहले मैं कुछ समझ पाता, मेरे बाएं हाथ को पकड़कर मुझे जमीन पर गिरा दिया गया और चार हमलावरों ने मुझे घेर लिया। उनमें से एक ने गन निकालकर ट्रिगर दबाया लेकिन फायर नहीं हुआ। यह सब इतना जल्दी हुआ कि मुझे कुछ समझ नहीं आया। मैं समझ गया कि इनका मकसद मुझे मारकर मेरे हथियार छीनना है, इसलिए मैंने आखिर तक अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने दी। उन्होंने मुझे चोट पहुंचाई और मेरी एके-47 छीन ली, इस पर मैं उनके पीछे भागा और उनसे भिड़ गया।’
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