UPPCS Result 2018 : मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों का पैकेज छोड़कर शुरू की तैयारी, अब बने टैक्स अफसर
अगर कुछ नया करने का इरादा हो तो मुश्किल से मुश्किल काम को सफलता में बदला जा सकता है। यही कुछ सोचकर एक युवक आज से तीन साल पहले मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों रुपये का पैकेज छोड़कर सिविल सेवा (Civil Services) में आने का मन बनाता है और सबकुछ छोड़कर तैयारी में जुटता है। अपने अनुभव और पढ़ाई को देश और राज्य की सेवा में समर्पित करने के लिए विदेश जाने का भी ऑफर ठुकरा देता है। अपने मन में सिर्फ एक उद्देश्य रहता है कि मुझे अब टैक्स अफसर (Tax Officer) ही बनना है। नौकरी छोड़कर सिविल सेवा (Civil Services) की तैयारी करने वाले इस युवक को आखिरकार उसमें सफलता भी मिली और अपने पहले ही प्रयास में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की पीसीएस परीक्षा (UPPCS Exam 2018) को पास करके अपना मनचाहा पद भी हासिल किया है।
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जी हां, लखनऊ (Lucknow) की एलडीए कालोनी (कानपुर रोड) निवासी दिव्यांश मोहन (Divyansh Mohan) ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीपीसीएस की परीक्षा (UPPCS Exam 2018) में सफलता हासिल की है। दिव्यांश मोहन (Divyansh Mohan) ने देश और प्रदेश के हित में काम करने के लिए अपना लाखों रुपये का पैकेज छोड़ दिया और साल 2017 से तैयारी में जुट गए।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की तरफ से वर्ष 2018 में निकाले गई पीसीएस (PCS) की भर्ती में उन्होंने आवदेन किया। मेहनत और लगन से तैयारी करने का नतीजा यह रहा है कि एक बैंकिंग सेक्टर में जॉब कर चुके दिव्यांश मोहन (Divyansh Mohan) का वाणिज्य कर अधिकारी के पद पर चयन हुआ। दिव्यांश (Divyansh Mohan) कहते हैं कि मैंने इस पद को एसडीएम (SDM) के बाद इसलिए डाला था ताकि मैं कुछ अच्छा कर सकूं।
दिव्यांश अब तक दो बार यूपीएससी (UPSC) की सिविल सेवा की परीक्षा (Civil Services Exam) दे चुके हैं। मेंस तक पहुंचने के बाद अभी उन्हें आगे कामयाबी नहीं मिली है। वह कहते हैं कि एक दिन मुझे आईआरएस सेवा (IRS Services) में जाना है।
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दिव्यांश ने यहां से की पढ़ाई
एलडीए कॉलोनी (LDA Colony) निवासी दिव्यांश मोहन (Divyansh Mohan) के पिता एसएम शर्मा (SM Sharma) मौसम विज्ञान केंद्र में पूर्व मौसम वैज्ञानिक रहे हैं। माता बीना शर्मा राजकीय इंटर कालेज (GIC) में प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुई है। उनकी बहन अस्मिता कनाडा की ओटावा यूनिवर्सिटी (Ottawa University) से एमएस (M.S.) कर रही है।
दिव्यांग (Divyansh Mohan) की शुरुआती पढ़ाई सरोजनी नगर स्थित सेंट थॉमस स्कूल में हुई। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए इन्होंने कानपुर रोड स्थित सीएमएस (CMS) में दाखिला लिया। यहां से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई करने के बाद लखनऊ की ही इंटीग्रल यूनिवर्सिटी (Integral University) से बीटेक किया। बीटेक (B.Tech) की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पुणे के सिंबोसिस कॉलेज (Symbiosis International University ) से एमबीए (MBA) की पढ़ाई की।
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तीन साल पहले नौकरी छोड़कर की तैयारी
देश में अपनी अलग पहचान रखने वाले पुणे के सिंबोसिस कॉलेज (Symbiosis International University) से एमबीए (MBA) करने के बाद दिव्यांश (Divyansh Mohan) की जॉब मुम्बई (Mumbai) में ही एक प्राइवेट में लग गई। उन्हें यहां पर अच्छा पैकेज भी मिल रहा था। यहां पर करीब तीन साल तक जॉब करने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला भी लिया।
इस दौरान उन्हें लंदन (London) जाने का भी ऑफर हुआ, लेकिन उन्होंने जाने से मना कर दिया। वह नौकरी छोड़कर अपने घर लखनऊ (Lucknow) आ गए और घर पर ही रहक सिविल सेवा (Civil Services Exam) की तैयारी शुरू कर दी। अब तक दो बार वह यूपीएससी (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Exam) में मेंस तक पहुंच चुके हैं।
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टैक्स क्षेत्र में काम आएगा पूर्व का अनुभव
देश के अच्छे स्कूल से एमबीए (MBA) करने के बाद बैकिंग सेक्टर में नौकरी करने वाले दिव्यांश (Divyansh Mohan) अब अपना सारा फोकस सरकार की सेवा को बेहतर करने में लगाएंगे। दिव्यांश कहते हैं कि मैंने एसडीएम के बाद में कॉमर्शियल टैक्स अफसर के पद को ही भरा था, इसमें मुझे 38वां स्थान मिला है। वह कहते हैं मेरी नौकरी को छोड़ने के पीछे का उद्देश्य भी यही रहा है कि मैं सरकारी सेवा में आने के बाद अपने समाज और सरकार के लिए कुछ अच्छा कर सकूं।
उन्होंने (Divyansh Mohan) बताया कि जिस तरह से किसी भी बिजनेस हाउस को लाभ में लाने के लिए हम लोग काम करते हैं, अब उसी तरह से राज्य की सेवा में जाकर हम जीएसएटी (GST) और अन्य टैक्स (Taxs) में जाकर कुछ योगदान कर सकते हैं। दिव्यांश का अलग लक्ष्य यूपीएससी (UPSC) को फतेह करना है। वे इंडियन राजस्व सेवा (Indian Revenue Service) में जाकर इनकम टैक्स (Income Tax) और जीएसटी (GST) के क्षेत्र में कुछ अच्छा काम करना चाहते हैं।
मां का अनुभव आया काम
देश और राज्य की खातिर कुछ अच्छा करने के उद्देश्य से दिव्यांश (Divyansh Mohan) ने वर्ष 2017 में जॉब छोड़ दी और पूरी तरह से तैयारी में लग गए। दिव्यांश ने बताया कि मैंने घर पर ही रहकर तैयारी की है और इस दौरान उनका साथ उनकी मां बीना शर्मा (Beena Sharma) ने दिया जो कि एक शिक्षिका रही है। दिव्यांश (Divyansh Mohan) कहते हैं कि मेरी पढ़ाई में मेरी मां का शिक्षण अनुभव जहां काम आया तो वहीं मेरी दीदी अस्मिता भी मेरी तैयारी में मदद करती रही।
उन्होंने कहा कि पिता जी मेरा सदैव ही हौसला अफजाई करते रहे। उन्होंने कभी भी हमें निराश नहीं होने दिया। इन सब लोगों का स्नेह और आशीर्वाद ही रहा है जो मुझे कामयाबी इतनी बड़ी कामयाबी मिली है। उन्होंने कहा कि मैंने कोचिंग नहीं हा सिर्फ मॉक इंटरव्यू और कई कोचिंगों की टेस्ट सिरीज का सहारा लिया ताकि मेरी राइटिंग में सुधार हो सकें तथा कमियों को पकड़ा जा सकें।
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इस रणनीति के किया काम
दिव्यांश (Divyansh Mohan) कहते हैं कि नौकरी छोड़ने के बाद मैं पूरी तरह से तैयारी में लग गया। इस दौरान मैंने बेहतर स्टडी मैटेरियल खोजा और उसको लेकर पढ़ाई शुरू की। उन्होंने बताया कि नियमित मैंने एक टाइम-टेबल बनाया और उसकी के हिसाब से तैयारी की। दिव्यांश (Divyansh Mohan) कहते हैं कि मेरा 8 से 10 घंटे तक का समय किताबों के बीच में ही बीतता था।
मैं एक चीज को पढ़ने के बाद कई बार दोहराता था ताकि वह दिमाग में फीट बैठ जाएं। उन्होंने (Divyansh Mohan) बताया कि बदले पैटर्न को ही ध्यान में रखते हुए मैंने तैयारी की। इसके लिए अधिक से अधिक टेस्ट सीरीज ज्वाइन की। उन्होंने बताया कि कहीं पर कोई त्रुटि न रह जाए इसका भी पूरा ख्याल रखा। मैंने लखनऊ (Lucknow) में ही कुछ कोचिंगों का सहारा लिया और टेस्ट सीरीज को ज्वाइन किया था।
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हताश न हो नए अभ्यर्थी
दिव्यांश (Divyansh Mohan) कहते हैं कि इस परीक्षा में बैठ रहे साथी बिल्कुल ही हताश न हो, बदले पैटर्न के हिसाब से ही तैयारी करें, सफलता एक दिन जरूर मिलेगी। उन्होंने बताया कि नए अभ्यर्थियों को एक रणनीति के हिसाब से तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समय ऑनलाइन (Online) में काफी मैटेरियल उपलब्ध है। इस मैटेरियल से भी काम चलाया जा सकता है। उन्होंने (Divyansh Mohan) कहा कि ऑनलाइन (Online) में मैटेरियल भरा पड़ा है लेकिन हमें कुछ अच्छी कोचिंगों के ही नोट्स को लेना चाहिए और उनसे तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को अपने हिसाब से भी नोट्स तैयार करने चाहिए ताकि कहीं कोई कमी न रहने पाएं। वह कहते हैं कि अगर ऐसा करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी। बस एक बात का ध्यान रखें लक्ष्य को पाने के लिए ईमानदारी और मेहनत से कभी भी पीछे न हटें।
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