
बसंत पंचमी पर सोमवार को त्रिविधि ताप-पाप नाशिनी त्रिवेणी (संगम) तट पर अखाड़ों की अद्भुत अलौकिक आभा बिखरेगी जब ध्वज-पताका, बैंडबाजा, अस्त्र-शस्त्र से सुसज्जित अखाड़ों का जत्था अमृत स्नान करने जाएगा। सबसे पहले आराध्य का स्नान होगा फिर नए नागा संगम में डुबकी लगाएंगे। भव्य रथ पर चाँदी के सिंहासन में छत्र-चँवर लगाकर 13 अखाड़ों में 600 से अधिक महामंडलेश्वर स्नान करने जाएंगे। अखाड़ों की शोभा 20 हजार से अधिक नागा सन्यासी बढ़ाएँगे। इसमें 8715 नए नागा सन्यासी व सन्यासिनी है। इनके अलावा आचार्य महामंडलेश्वर, महंत, श्री महंत अष्टकौशल सहित तमाम संत शामिल होंगे।
महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर भगदढ मचने के कारण अखाड़ों ने वैभव नहीं दिखाया सादगी से स्नान करने गए थे। अब बसंत पंचमी पर उनका वैभव दिखेगा। सोमवार सुबह पांच बजे से स्नान आरंभ हो जाएगा। सर्वप्रथम श्रीमहानिर्वनी और अटल आखाडा के संत स्नान करेंगे। जूना, अग्नि, आवाहन और किन्नर आखाडा के संत इनके बाद पुण्य की डुबकी लगाएंगे। सन्यासियों के बाद वैष्णव संप्रदाय के दिगंबर अनी, निर्मोही अनी और निर्वानी अनी आखाडा स्नान करेगा। फिर उदासीन संप्रदाय के बड़ा उदासीन और नया उदासीन आखाडा के संतों का स्नान होगा। अंत में निर्मल आखाडा स्नान करेगा।
ये रहेगा क्रम
जूना 150 से अधिक, निरंजनी 80, महानिर्वानी 50, अग्नि 20, आवाहन 20, निर्मोही अनी 70, निर्वानी अनी 50, दिगंबर अनी 40, किन्नर 30से अधिक