
महाकुंभ के आखिरी स्नान पर्व महाशिवरात्री पर संगम में पुण्य की डुबकी के लिए तीन दिन पहले से ही जन ज्वार उमड़ रहा है। संगम जाने वाले मार्गों पर इस कदर भीड़ उमड़ी है कि तिल-तिल कर लोग आगे बढ़ रहे हैं। देर शाम संगम से शहर तक श्रद्धालुओं से भर गया। सीएम योगी ने अफसरों से आखिरी स्नान पर्व की तैयारियों की जानकारी ली। सीएम ने मेला प्रशासन को आगाह किया कि सभी की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित की जाए।
सीएम ने सुगम डुबकी के लिए मेला प्रशासन को ठोस रणनीति बनाने के निर्देश दिये। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर आखिरी स्नान पर्व के साथ अगले 12 वर्षों के लिए महाकुंभ विदा हो जाएगा। माना जा रहा था कि बसंत पंचमी पर अंतिम अमृत स्नान के बाद श्र्द्धालुओं की संख्या तेजी से घटेगी। लेकिन इसके उलट सारे अनुमान ध्वस्त हो गए। 6 फरवरी से अपार भीड़ महाकुंभ आ रही है।
प्रमुख स्नान पर्वों पर स्नान
महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्वों की शुरुआत 14 जनवरी को मकर संक्रांति से हुई। इस दिन 3.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु महाकुंभ क्षेत्र में पहुंचे। इसके बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर रिकॉर्ड ही बन गया। इस दिन 5 करोड़ 71 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम स्नान किया। दुखदायी यह रहा है कि संगम तट पर उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया और भगदड़ मच गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 30 लोगों ने जान गंवा दी। फिर 3 फरवीर को बसंत पंचमी का स्नान सकुशल बीता और इस दिन 2 करोड़ लोगों ने संगम स्नान किया। 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा के दिन भी यह आंकड़ा रहा।
ये स्थिति है इन मार्गों की
महाकुंभ में भीड़ लगातार आ रही है। हर तरफ पैदल और श्रद्धालुओं की गाड़ियां ही नजर आती हैं। शनिवार को दिन चढ़ने के साथ सहसों और झूंसी में जाम की स्थिति बन गई। वहीं सैदाबाद से झूंसी तक के रास्ते पर भी जाम है। अंदावा मार्ग पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगा है। वहीं यमुना पार इलाके में मुंगारी से नैनी तक जाम है। जबकि घूरपुर से इरादातगंज के रास्ते पर भी लोग जाम से जूझ रहे हैं। यहां से आगे दांदुपुर में भी जाम है।
इधर, रीवा मार्ग पर नारी-बारी से जरही होते हुए गौहानिया तक जाम लगा है। कौशाम्बी की तरफ पुरामुफ्ती से शहर आने वाले रास्ते पर भी जाम है। सुलेमसराय में वाहन रेंग रहे हैं। मेला क्षेत्र के करीब रामबाग में भी जाम लगा है। जबकि लखनऊ से आने वालों के लिए भी राह आसान नहीं है। फाफामऊ से आगे बढ़ने पर तेलियरगंज में भीषण जाम लगा है। प्रतापगढ़ से आने वाला रास्ता भी जाम से जूझ रहा है। इसके अलावा शहर के अंदर बालसन, नैनी की तरफ लेप्रोसी चौराहा, अलोपीबाग फ्लाईओवर, नया यमुना पुल जाम से जूझ रहे हैं। मार्गों पर दस से 15 किमी तक जाम लग जा रहा है। यातायात सुचारू बनाए रखने के लिए 7 अतिरिक्त आईपीएस शासन ने लगाए हैं।
13 जनवरी को शुरू हुआ था महाकुंभ
महाकुंभ का शुभारंभ 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान पर्व से हुआ। श्रद्धालुओं ने अखाड़ों का वैभव देखा, गृहस्थों का अखंड तप कल्पवास की साधना के साक्षी बने। संत सम्मेलनों में धार्मिक मुद्दों पर मंथन हुआ। कुंभनगरी प्रयाग की वसुंधरा पर संतों के आशीर्वाद की छांव में जो आए वह धन्य हो गए।
पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा स्नान पर्व पर त्रिवेणी के पवित्र जल में डुबकी लगाकर आत्मा की परमात्मा से मिलन की अनुभूति की। महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि 26 फरवरी को पड़ रहा है। उसमें भी दुर्लभ संयोग बन रहा है।