
संगम तट के पास भगदढ में 30 श्रद्धालुओं की मौत के बाद महाकुंभ मेला क्षेत्र की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। अब सभी प्रवेश मार्ग पर सिविल पुलिस के साथ पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की तैनाती रहेगी। एकल मार्ग से स्नानार्थियों का आवागमन होगा। प्रत्येक मार्ग पर मजबूत बाइरिकेडिंग का श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। संगम और दूसरे स्नान घाटों पर भी भीड़ प्रबंधन के दृर्ष्टिगत समुचित उपाय किए जा रहे है ताकि बसंत पंचमी से पहले व्यवस्था को पूरी तरह से सुदृढ़ बनाया जा सके।
महाकुंभ मेला आरंभ होने से पहले संगम तक जाने के लिए काली मार्ग और आने के लिए त्रिवेणी मार्ग निर्धारित किया गया है। शहर के बांगड धर्मशाला, जीटी जवाहर और ओलीपीबाग की तरफ से श्रद्धालुओं को काली मार्ग भेजा जाना था। मौनी अमावस्या से पहले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ काली सड़क छोड़कर जहां-जहां से कट मिला उधर से प्रवेश करते हुए दूसरे मार्ग पर पहुंच गई। अमृत स्नान से पहले स्थिति यह हुई की सभी मार्ग से श्रद्धालु संगम नोज तक पहुंचने लगे और कई स्थानों पर बैरीकेडिंग तोड़ डाले।
अब आगामी मुख्य स्नान पर्व पर ऐसी स्थिति निर्मित न हो इसके लिए मेला क्षेत्र के सभी प्रवेश मार्ग पर पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को तैनात किया गया है। काली और त्रिवेणी मार्ग के अलावा संगम क्षेत्र में भी बैरीकेडिंग कर कुछ मार्गों को एकल किया जा रहा है। जिससे श्रद्धालु आसानी से संगम तट पर स्नान कर सकें। पुलिस अधिकारियों का कहना है की मेला क्षेत्र के साथ ही झूंसी, फाफामऊ, और नैनी की तरफ के स्नान घाटों पर भी स्नानार्थियों की सुविधा व सुरक्षा को देखते हुए बेहतर प्रबंध किए जा रहे हैं।