
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या स्नान पर भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई, जिसमें 17 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इस हादसे में कई अन्य लोग घायल हुए हैं। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें विशेष ट्रेनों को रोकने और हाईवे पर बैरिकेडिंग लगाने जैसे उपाय शामिल हैं।
मौनी अमावस्या पर उमड़ी भारी भीड़

28 जनवरी की रात संगम तट पर मौनी अमावस्या स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे। रात करीब 2 बजे अचानक भीड़ बेकाबू हो गई, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। प्रशासन के मुताबिक, मौनी अमावस्या के दिन सुबह 10 बजे तक 3.61 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान कर लिया था, जबकि अब तक कुल 19.94 करोड़ लोग महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं।
अमृत स्नान स्थगित, अखाड़ों का बड़ा फैसला
भगदड़ की घटना को देखते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) ने प्रशासन से चर्चा के बाद अमृत स्नान स्थगित करने का निर्णय लिया है। ABAP अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा, “हमने प्रशासन के अनुरोध पर अमृत स्नान स्थगित कर दिया है। सभी अखाड़ों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि वे आज स्नान नहीं करेंगे।”
श्रद्धालुओं से गंगा किनारे अन्य घाटों पर स्नान की अपील
धार्मिक नेताओं ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि संगम तट पर भीड़ बढ़ाने की बजाय अन्य घाटों पर स्नान करें। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, “गंगा मैया हर जगह एक समान हैं। संगम तक पहुंचने की जिद करने के बजाय नजदीकी घाट पर स्नान करें।”
सुरक्षा के सख्त इंतजाम, प्रशासन हाई अलर्ट पर

- यातायात नियंत्रित: लखनऊ-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया गया है, दोपहिया वाहनों को भी आगे बढ़ने की अनुमति नहीं है।
- विशेष ट्रेनों पर रोक: कुंभ क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण के लिए कुछ विशेष ट्रेनों को रोक दिया गया है।
- राहत और बचाव कार्य: महाकुंभ अस्पताल में घायलों को लाने के लिए एंबुलेंस की आवाजाही लगातार बनी हुई है।
महाकुंभ 2025 में उमड़ी ऐतिहासिक भीड़ के बीच यह हादसा श्रद्धालुओं और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। आगे किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम करने की घोषणा की है।