प्रयागराज में जनवरी 2025 से शुरू होने वाले महाकुंभ को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इसी क्रम में, कुंभ मेला प्रशासन ने नाविकों के किराए में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। यह फैसला प्रयागराज जिला नाविक संघ और मेला प्रशासन के बीच सार्थक चर्चा के बाद लिया गया।
नाविकों की लंबे समय से मांग हुई पूरी
अपर जिला मजिस्ट्रेट (महाकुंभ) विवेक चतुर्वेदी के अनुसार, नाविकों की यह मांग लंबे समय से चली आ रही थी। प्रशासन ने इसे स्वीकार करते हुए नाविकों के कल्याण के लिए यह कदम उठाया। प्रयागराज जिला नाविक संघ के अध्यक्ष पप्पू लाल निषाद ने इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “बढ़ती महंगाई के बावजूद नाव का किराया वर्षों से अपरिवर्तित था। प्रशासन ने यह फैसला लेकर नाविकों के हित में एक बड़ा कदम उठाया है।”
श्रद्धालुओं से अधिक किराया वसूलने पर होगी सख्त कार्रवाई
नए किराए को लागू करने के साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त उपाय किए जाएंगे कि श्रद्धालुओं से अधिक किराया न वसूला जाए। एडीएम मेला ने बताया कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए संशोधित किराया सूची तैयार की जा रही है। इसे सभी घाटों और पार्किंग क्षेत्रों में प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा।
मोटरबोट पर प्रतिबंध, पारंपरिक नावों को प्राथमिकता
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन ने वाहनों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगाया है। मोटरबोट पर प्रतिबंध जारी रहेगा, लेकिन प्रमुख स्नान पर्वों पर पारंपरिक नावों का संचालन सुनिश्चित किया जाएगा।
महाकुंभ के लिए विशेष तैयारियां
महाकुंभ के उप मंडल मजिस्ट्रेट अभिनव पाठक ने बताया कि इस समय संगम में 1,455 नावें चल रही हैं। महाकुंभ के दौरान यह संख्या 4,000 से अधिक होने की उम्मीद है, क्योंकि पड़ोसी जिलों से भी नावें आएंगी। लाइसेंस जारी करने से पहले सभी नावों की सुरक्षा जांच की जाएगी।
नाविकों को मिलेगा बीमा कवर और सुरक्षा उपकरण
प्रशासन नाविकों को लाइफ जैकेट उपलब्ध कराएगा और प्रत्येक नाविक को ₹2 लाख का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा। यह कदम न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि नाविकों के हितों की रक्षा भी करेगा।
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा और सुविधा पर जोर
प्रशासन का यह निर्णय महाकुंभ के दौरान आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। नए किराए से जहां नाविकों को राहत मिलेगी, वहीं श्रद्धालुओं के लिए पारदर्शिता और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित होगी।