
पूर्णिमा पर चंद्रमा की आभा और नीचे संगम में समाता जनसागर पवन संगम तट का दृश्य अद्भत, अप्रतिम, अलौकिक है। माघी पूर्णिमा के पुण्य योग का श्री गणेश होते ही मंगलवार शाम संगम पर घंटा-घड़ियाल और शंखनाद के साथ महास्नान शुरू हो गया। प्रशासन के मुताबिक, सुबह 8 बजे तक ही 92 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। अनुमान है कि आज 2.5 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे। इस वर्ष प्रयागराज में 144 वर्षों बाद महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, जिससे माघी पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ गया है।
महाकुंभ 2025 में पहली बार यह देखा जा रहा है कि मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी जैसे प्रमुख स्नान के बाद भी माघी पूर्णिमा पर करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज संगम पहुंच रहे हैं।
श्रद्धालु पर हेलिकॉप्टर से 25 क्विंटल फूल बरसाए गए। प्रयागराज जाने वाले रास्तों में भीषण जाम के बाद ट्रेफिक प्लान में बदलाव किया गया है। शहर में वाहनों की एंट्री बंद है। मेला क्षेत्र में भी कोई भी वाहन नहीं चलेगा। ऐसे में श्रद्धालुओं को संगम पहुंचने के लिए 8 से 10 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है। प्रशासन पार्किंग से शटल बसें चला रहा है। हालांकि, यह बेहद सीमित हैं।
संगम पर पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात हैं। वहां लोगों को रुकने नहीं दे रहे हैं, ताकि भीड़ न बढ़ पाए। ज्यादातर लोगों को बाकी घाटों पर स्नान के लिए भेजा जा रहा है। भीड़ कंट्रोल के लिए पहली बार मेले में 15 जिलों के डीएम, 20 IAS और 85 PCS अफसर तैनात किए गए हैं।
इधर, लखनऊ में सीएम योगी सुबह 4 बजे से मुख्यमंत्री आवास पर बने वॉर रूम से महाकुंभ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। डीजी प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद और कई सीनियर अफसर हैं।
माघी पूर्णिमा तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार माघी पूर्णिमा 12 फरवरी, बुधवार को है। माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 फरवरी को शाम 6 बजकर 55 मिनट से प्रारंभ हो रही है और इसका समापन 12 फरवरी 2025 को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार माघी पूर्णिमा 12 फरवरी है।
माघ पूर्णिमा पर स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
माघ पूर्णिमा के दिन सौभाग्य और शोभन योग का संयोग बन रहा है। पूर्णिमा के अवसर पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। माघ पूर्णिमा के दिन स्नान का तीन शुभ मुहूर्त है। पहला मुहूर्त प्रातः 5:19 बजे से 6:10 बजे तक है। दूसरा मुहूर्त प्रातः 7:02 बजे से 8:25 बजे तक है। वहीं, तीसरा मुहूर्त प्रातः 8:25 बजे से प्रातः 9:49 बजे तक है। इन मुहूर्त में स्नान करना काफी फलदाई माना जाएगा।
स्नान के बाद दान अवश्य करें
माघ पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसलिए, इस दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से उन्नति, पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसा विश्वास है। इस दिन अन्न, धन, तिल, गुड़ और घी का दान करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा, पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान का आयोजन भी किया जाता है। इस दिन गरीबों को भोजन कराने से विशेष लाभ मिलता है। ऐसा करने से सभी प्रकार के कष्ट और पाप समाप्त होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।