आचार संहिता लगने में देरी की यह है वजह, अगले सप्ताह होगा शंखनाद

आगामी लोकसभा चुनाव के चुनावी कार्यक्रम को लेकर अभी थोड़ा और इंतजार करना होगा। चुनावी कार्यक्रम की घोषणा में देरी की वजह से जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव है। जम्मू-कश्मीर में इस समय चल रहे हालतों को देखते हुए वहां पर विधानसभा चुनाव करवाने को लेकर चुनाव आयोग अभी मंथन कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाने की तैयारी में इस समय आयोग जुटा हुआ है। प्रशासनिक स्तर पर आयोग जम्मू-कश्मीर में लगातार वार्ता कर रहा है।
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अब ये माना जा रहा है कि आयोग अगले सप्ताह में किसी भी दिन चुनावी कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। आयोग इस बार आम चुनाव 7 से 9 चरणों में होगा। आम चुनावों के साथ ही साथ आयोग ओडिशा, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव कराएगा। जम्मू-कश्मीर को छोड़कर अन्य राज्यों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सुरक्षा प्रबंध को लेकर जम्मू कश्मीर में लगातार वार्ता चल रही है। बता दें जम्मू-कश्मीर में 20 मई तक मतदान होना जरूरी है। यहां पर पिछले साल 19 जून को राज्यपाल शासन लागू किया गया है।
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चुनाव आयोग की यह है तैयारी
चुनाव इस बार आम चुनाव के साथ ही जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा प्रबंध को लेकर ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है। पिछले लोकसभा चुनाव में देशभर में सवा नौ लाख मतदान केंद्र बने थे। मतदान केंद्रों में इस बार 8 से 10 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आयोग सेना के अधिकारियों के साथ खाका तैयार कर लिया है। इस बार के आम चुनाव में आयोग तीसरी पीढ़ी की ईवीएम मशीन का प्रयोग करेगा। चुनावों के दौरान प्रयोग होने वाली ईवीएम मशीन पूरी तरह से टैंपर प्रूफ है। इसकी 16 लाख नई मशीनें खदीदी गई हैं। इस मशीन में छेड़छाड़ की कोशिश होते ही यह मशीन फैक्ट्री सेटिंग मोड में चली जाएगी और इसे इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
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