सीतापुर में गठबंधन प्रत्याशी नकुल दुबे का विरोध, जमकर चलीं कुर्सियां

सीतापुर की लोकसभा सीट पर गठबंधन के प्रत्याशी नकुल दुबे का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के नेताओं के साथ ही साथ अब सपा के नेता और कार्यकर्ताओं ने भी उनका विरोध शुरू कर दिया है। गुरुवार को एक सभा में आखिरकार वह सबके सामने आ ही गया। सपा और बसपा कार्यकर्ताओं ने बसपा से उम्मीदवार नकुल दुबे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यही नहीं मामला इतना बढ़ गया कि कार्यकर्ताओं के बीच में झड़प शुरू हो गई। दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच में कुर्सियां चलने लगी। बता दें कि नेताओं का कहना है कि हम बाहरी उम्मीदवार स्वीकार नहीं करेंगे। सीतापुर का ही कोई उम्मीदवार होना चाहिए। बता दें नकुल दुबे लखनऊ की बक्खी का तालाब सीट से विधायक रहे हैं और बसपा सरकार में मंत्री भी रहे हैं। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा के बहुत करीबी माने जाते हैं।
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कैसरजहां ने दिया पार्टी से इस्तीफा
बसपा से 2009 में सांसद के रूप में चुनी गई कैसरजहां ने नकुल दुबे के प्रभारी बनाए जाते ही पार्टी छोड़ दी है। वह अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई है। सिर्फ कैसरजहां ही नहीं बल्कि अन्य लोगों में भी नकुल दुबे के लोकसभा प्रभारी बनाए जाने से रोष व्याप्त है। बसपा के जिलाध्यक्ष राममूर्ति मधुकर के आवास के सामने भी विरोध हो चुका है। आखिरकार आज दोनों ही पार्टियों के बीच में जमकर विरोध भी हुआ। यही नहीं बसपा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम पैराशूट उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेंगे। अगर पार्टी बाहरी प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारी है, तो उनकी जमानत जब्त कराकर वापस भेज देंगे। बता दें कि सपा-बसपा के गठबंधन में यह सीट बसपा के हिस्से में आई है और पार्टी ने यहां से नकुल दुबे को लोकसभा प्रभारी है।
रामपाल यादव पर लगा आरोप
सीतापुर लोकसभा क्षेत्र में अपनी पहली सभा करने पहुंचें नकुल दुबे को काफी विरोध का सामना करना पड़ा। शहर एक गेस्ट हाउस में बुलाए गए कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्हें विरोध का सामन करना पड़ा। सम्मेलन कक्ष में ही लोगों ने नकुल दुबे वापस जाओ, बाहरी प्रत्याशी नहीं चलेगा, जैसे आरोप लिखे हुए पोस्टर लेकर विरोध जताना शुरू कर दिया। यह होता देख नकुल दुबे के समर्थकों ने उन्हें खदेड़ना शुरू कर दिया। जिसके बाद दोनों ही पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। मंच पर बसपा जिलाध्यक्ष राममूर्ति मधुकर, सपा जिलाध्यक्ष छत्रपालयादव, सपा के पूर्व विधायक अनूप गुप्ता के साथ बसपा उम्मीदवार नकुल दुबे मौजूद थे, जो बार बार कार्यकर्ताओं को शांत होने की बात कहते रहे, लेकिन कार्यकर्ता नहीं माने। हंगामे का आरोप नकुल दुबे ने रामपाल यादव पर लगाया है।
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