जहां से बूथ अध्यक्ष के रूप में शुरू किया था सफर, आज वहीं से किया नामांकन
एक छोटे से बूथ अध्यक्ष के रूप में अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत करने वाले बीजेपी के राष्ट्रीयद अध्यक्ष आज पहली बार लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन करेंगे। गांधी नगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने जा रहे अमित शाह ने कभी इसी लोकसभा सीट में बूथ अध्यक्ष की भूमिका निभाई थी। जिसका जिक्र उन्होंने आज जनता को सम्बोधित करते हुए कहीं। शाह ने कहा, मुझे आज 1982 के दिन याद आ रहे हैं, जब मैं यहां के एक छोटे से बूथ का बूथ अध्यक्ष था। तब के वह दिन थे और आज के दिन है। मैं आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं। उन्होंने कहा कि बीजेपी में ही यह संभव हो सकता है और किसी पार्टी में नहीं।
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अमित शाह ने कहा गांधीनगर से लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी जी सांसद रहे और मेरा सौभाग्य है कि भाजपा मुझे यहीं से सांसद बनाने जा रही है। भाजपा एक विचारधारा की पार्टी है। दीनदयाल जी के अंत्योदय के सिद्धांत पर आगे बढ़ने वाली पार्टी है। पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने के कारण उनके नामांकन के दौरान केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, शिअद सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद हैं।
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नामांकन से पहले अहमदाबाद में रोड शो
पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे अमित शाह ने नामांकन से पहले शक्ति प्रदर्शन दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने अहमदाबाद में रोड शो किया और इससे पहले विजय संकल्प सभा का आयोजन भी किया। इस दौरान उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही घटक दलों के नेता भी मौजूद रहे। उन्होंने चार किमी लंबा रोड शो अहमदाबाद के सरदार पटेल प्रतिमा से शुरू हुआ और यह घाटलोडिया इलाके में पाटीदार चौक पर खत्म किया। बीजेपी दौरान अमित शाह ने कहा, 'मैं आडवाणी जी की विरासत को पूरी विनम्रता से संभालूंगा।' गुजरात की जनता यहां की सभी 26 लोकसभा सीटें 'पीएम मोदी की झोली' में डालकर फिर से पीएम बनाएगी।
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केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'अमित शाह बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का उत्तराधिकार संभालने जा रहे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि जिस तरह वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता का ख्याल रख रहे हैं, वैसे ही यहां की जनता का भी सांसद के रूप में ख्याल रखेंगे'। गृहमंत्री ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा 'पिछले 5 वर्षों में उनके नेतृत्व में भारत बड़ी वैश्विक ताकत के रूप में उभरा है। आज पूरी दुनिया को भारत की ताकत का एहसास है। अब भारत का नेतृत्व सशक्त हाथों में है'। आज संकल्प रैली में आए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, 'हमारे बीच में विचारों को लेकर कुछ मतभेद थे, अब हमने उन्हें दूर कर लिया है। मैं यहां पर अमित भाई को समर्थन देने के लिए आया हूं। बीजेपी और हमारी विचारधारा एक है। हम इसे लेकर पार्टी को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं'।
30 साल से जीती आ रही है बीजेपी
बीजेपी पार्टी गांधीनगर से एक दो चुनाव नहीं में नहीं बल्कि पिछले 30 साल से जीती आ रही है। इस से सांसद लालकृष्ण आडवाणी साल 1998 से लगातार यहां के सांसद रहे हैं। इस बार पार्टी ने अमित शाह को टिकट दिय है। इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी भी सांसद रह चुके हैं। यहीं नहीं इस सीट से गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला भी सांसद रह चुके हैं। बीजेपी के लिए यह सीट काफी अहम मानी जाती है और इस सीट से आसपास की सीटों पर माहौल बनाने में काफी सहायता मिलती है। बीजेपी का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट को फतेह करने के लिए कांग्रेस और एनसीपी ने भी रणनीति बना ली है। इस सीट से सांसद रहे गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला ने एनसीपी ज्वाइन कर ली है। पार्टी उन्हें इसी सीट से टिकट देने पर विचार भी कर रही है। अगर वे आते हैं, तो अमित शाह के लिए चुनाव जीतना बहुत आसान नहीं होगा।
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इस सीट के संयोजक रहे अमित शाह
1982 में बूथ कार्यकर्ता के रूप में अपनी शुरुआत करने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस सीट के संयोजक भी रहे हैं। वह पांच विधायक भी रहे हैं। इसी सीट से अमित शाह ने कई शीर्ष नेताओं का चुनाव मैनेजमेंट संभाल रहे हैं। शीर्ष नेतृत्व की नजर में अमित शाह इसी सीट पर मेहनत करके ही आए थे। उन्हें 23 साल पहले गांधी नगर सीट का संयोजक बनाया गया था। वह पहली बार साल 1996 में जब अटल बिहारी वाजपेयी यहां से चुनाव लड़े थे, तब संयोजक बनाए गए थे। उनकी रणनीति से ही बीजेपी इस सीट पर कांग्रेस की लहर में भी चुनाव जीती आई है।
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