बढ़ती उम्र में लोगों के ब्रेन के काम करने की क्षमता जवानी की तुलना में कम होने लगती है। बुजुर्ग लोगों में भूलने की समस्या, किसी काम में ध्यान न लगने जैसी परेशानी आम होती है। ऐसा आमतौर पर दिमाग के फंक्शन सही तरीके से न करना के कारण होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बुढ़ापे में भी दिमाग जवान रह सकता है। इसको लेकर हाल ही में एक रिसर्च हुई है। रिसर्च में बताया गया है कि नींद का और दिमाग के फंक्शन के बीच गहरा संबंध है। नींद से बुढ़े हुए दिमाग की रफ्तार को कम किया जा सकता है. इससे सोचने और समझने की क्षमता को भी लंबे समय तक बरकरार रख सकते हैं।
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के अंडर आने वाली यूनिवर्सिटी ऑफ उरुग्वे के वैज्ञानिकों ने यह रिसर्च की है। इस रिसर्च को स्लीप हेल्थ मैगज़ीन में प्रकाशित किया गया है. रिसर्च के मुताबिक, दिन के समय हल्की नींद या झपकी लेने से दिमाग के बूढ़े होने की रफ्तार को कम किया जा सकता है। जिससे आप अपनी सोचने समझने की क्षमता को लंबे समय तक बरकरार रख सकते हैं। इस रिसर्च में 40 से 60 साल की उम्र के लोगों पर एक सर्वे किया गया था। सर्वे से पता चला है कि दिन में थोड़ी देर सोने से दिमाग के फंक्शन बेहतर होते हैं हालांकि रिसर्च से ये पूरी तरह से साबित नहीं हो पाया है कि कितनी देर की झपकी या नींद दिमागी संतुलन में मददगार है। लेकिन पहले के रिसर्च टेस्ट के मुताबिक, तीस मिनट या उससे कम की नींद से अच्छे परिणाम आये थे।