इस बार अप्रैल के महीने से ही गर्मी अपना रंग दिखाने लगी है। दोपहर में लोग घर के बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। मौसम विभाग की मानें तो अप्रैल के आखिरी तक गर्मी अपने चरम पर होगी। ऐसे में हीटस्ट्रोक का खतरा बना रहता है जिसके कारण लोगों की मौत तक भी हो जाती है। बता दें ज्यादा तापमान हमारे शरीर और स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदायक होता है। यहां तक कि कुछ लोगों के लिए तो ज्यादा तापमान घातक भी साबित हो जाता है। ऐसे में उनकी मौत तक हो जाती है। गर्मियों में देश के कई हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। ऐसे में आपके दिमाग में भी ये सवाल जरूर उठा होगा कि आखिर इतनी गर्मी में इंसान जिंदा कैसे रह पाता है? किस तापमान पर इंसान के लिए संकट की स्थिति पैदा हो सकती है?
ज्यादा तापमान पैदा करता है मुश्किल
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन की एक रिपोर्ट कहती है कि ब्रिटेन में 2050 तक गर्मी से होने वाली मौतों में 257 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जाएगी। दरअसल, विज्ञान कहता है कि इंसानी शरीर 35 से 37 डिग्री तक का तापमान बिना किसी परेशानी के सह लेता है। जब तापमान 40 डिग्री से ज्यादा होने लगता है, तो लोगों को परेशानी होने लगती है। अध्ययनों के मुताबिक, इंसानों के लिए 50 डिग्री का अधिकतम तापमान बर्दाश्त करना मुश्किल होता है। मेडिकल जर्नल लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक, 2000-04 और 2017-21 के बीच 8 साल के दौरान भारत में भीषण गर्मी का प्रकोप रहा। इस दौरान भारत में गर्मी से मौतों में 55 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी।
45 डिग्री के ऊपर आती है बीपी की समस्या
इंसानी शरीर पर बढ़ते तापमान के असर के बारे डॉक्टर ‘हीट स्ट्रेस’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं। जब हमारा शरीर बेहद गर्मी में होता है तो वो अपने कोर तापमान को बनाए रखने की कोशिश करता है। वातावरण और शारीरिक स्थितियों पर निर्भर करता है कि शरीर अपने कोर तापमान को बनाए रखने की कोशिश किस हद तक कर पाता है। इसमें हमें थकान महसूस होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पारा 45 डिग्री हो तो बेहोशी, चक्कर या घबराहट जैसी शिकायतों के चलते ब्लड प्रेशर कम होना आम शिकायतें हैं। वहीं, अगर आप 48 से 50 डिग्री या उससे ज्यादा तापमान में बहुत देर रह जाते हैं तो मांसपेशियां पूरी तरह जवाब दे सकती हैं और मौत भी हो सकती है।
पानी की कमी से होती है ये समस्या
शरीर का 70 फीसदी से ज्यादा हिस्सा पानी से बना है। दूसरे शब्दों में कहें तो हमारे शरीर में मौजूद पानी बाहर के बढ़ते तापमान में शरीर का कोर तापमान स्थिर बनाए रखने के लिए गर्मी से लड़ता है। इस प्रक्रिया में हमें पसीना आता है। इससे शरीर ठंडा रहता है। लेकिन, अगर शरीर ज्यादा देर तक इस प्रक्रिया से गुजरता है तो पानी की कमी होने लगती है ऐसे में किसी को चक्कर आने लगते हैं तो किसी को सिरदर्द होता है। कुछ लोग बेहोश भी हो सकते हैं।