वायु प्रदूषण हमारे देश में एक बड़ी समस्या है। वैसे तो इसकी कोई निर्धारित अवधि नहीं है परंतु सर्दियों के शुरुवाती दिनों में इसका ज़ोर अधिक रहता है। खेतों में उठते हुए धुएं हवा के कम दबाव वाले क्षेत्रों की ओर बढ़ते हैं जिससे पूरा वातावरण दूषित होने लगता है। वायु प्रदूषण अधयोगिक शहरों में फैक्ट्रियों की चिमनियों से निकालने वाले धुएं से भी होता है जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक होती है। तंग आबादी वाले क्षेत्रों में पेट्रोल-डीजल वाहनों से भी हवा जहरीली हो रही है।
अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण
वायु प्रदूषण मुख्यतः श्वसन प्रणाली संबंधी रोगों का कारण बनता है पर शरीर के अन्य अंगों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। खासकर जिन्हें हृदय रोग, रक्तचाप, कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र या मस्तिष्क रोग से जुड़ी समस्याएं हैं। उन्हें अधिक परेशानी का सामना करना पद सकता है। गर्भावस्था में शिशु का विकास अवरुद्ध रहने की आशंका रहती है। सामनी लोग भी खांसी गले में खराश, छींक, आँखों से पानी आना आदि की शिकायत लेकर चिकित्सकों के पास जाते हैं। जिनहे पहले से ही सांस संबंधी समस्या लेकर चिकित्सक के पास जाते हैं।
अच्छी सेहत के लिए इन बातों का रखें ध्यान
सीके बिड़ला हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी विभाग में डायरेक्टर डॉ. विकास मित्तल बताते हैं कि इस मौसम में लोगों को अपनी डाइट में फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और प्रोटीन को शामिल करना चाहिए। इससे आपकी इम्यूनिटी मजबूत होती है, जो सांस की बीमारियों से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण है. खूब पानी पीएं। पर्याप्त नींद भी आवश्यक है। नींद शरीर के अंदर किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने में मदद करती है और संक्रमण से लड़ने वाली इम्यूनिटी वाली सेल्स को एक्टिव करती हैं। इस मौसम में हर व्यक्ति को 7-9 घंटे की आरामदायक नींद लेनी चाहिए।