केरल के मलप्पुरम जिले में 14 साल के एक किशोर की निपाह वायरस से मौत हो गई। मृतक का कोझिकोड अस्पताल में इलाज किया जा रहा था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उसे 10 दिन पहले बुखार हुआ था और शुक्रवार से वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर था। शनिवार को एनआईवी-पुणे द्वारा निपाह वायरस की पुष्टि किए जाने के बाद, लड़के को एक निजी अस्पताल से कोझिकोड के मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। स्वास्थ्य विभाग ने मलप्पुरम में एक कंट्रोल रूम खोला है, जहां अलर्ट घोषित किया गया है। लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है और पांडिक्कड़ पंचायत के अंतर्गत चयनित इलाकों में लॉकडाउन घोषित किया गया है। वह लड़का उसी गांव में रहता था।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने मीडिया को बताया कि चार और लोगों में निपाह के लक्षण विकसित हुए हैं और उनमें से एक को लाइफ सपोर्ट पर रखा गया है। उनके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। लड़के के संपर्क में आए करीब 240 लोगों को निगरानी में रखा गया है। केरल में 2018 से अब तक पांच बार निपाह का प्रकोप हुआ है। अब तक केवल छह पॉजिटिव मरीज ही जिंदा बचे हैं। एक 2018 में कोझीकोड में, दूसरा 2019 में कोच्चि में और 2023 में कोझीकोड में चार लोग निपाह से जिंदा बचे थे। 2018 में 18 संक्रमित व्यक्तियों में से 17 की मौत हो गई थी और 2021 में एक मौत हुई थी। 2023 में निपाह से दो मौतें होने की सूचना मिली थी।
क्या है निपाह वायरस?
निपाह वायरस (NiV) जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है। इसे जूनोटिक डिजीज कहा जाता है। ये चमगादड़ों और सुअर से इंसानों में फैल सकता है। यह वायरस बुखार, उल्टी, सांस की बीमारी और मस्तिष्क में सूजन का कारण बन सकता है।
क्या लक्षण हैं?
सामान्य वायरल बुखार के लक्षण उत्पन्न करने के अलावा, यह संक्रमण तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है। इससे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र क्या लक्षण हैं?
सामान्य वायरल बुखार के लक्षण उत्पन्न करने के अलावा, यह संक्रमण तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है. इससे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित हो जाता है। जिसके परिणामस्वरूप एन्सेफलाइटिस या मस्तिष्क की सूजन होती है। इससे 24 से 48 घंटे में मरीज कोमा में जा सकता है।