
कानपुर: आईआईटी कानपुर के इंजीनियर्स और जुग मेडिकोज इन्वेंटिव सोल्यूशंस (रेस्पिरोनिक्स) के विशेषज्ञों ने एक अत्याधुनिक डिवाइस विकसित की है जो हार्ट अटैक के दौरान जीवन रक्षक साबित हो सकती है। इस डिवाइस की मदद से किसी भी व्यक्ति को घर में ही सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दी जा सकती है।
डिवाइस की विशेषताएं
रेस्पिरोनिक्स द्वारा तैयार की गई इस डिवाइस को “सीपीआर डिवाइस” नाम दिया गया है। इसे किसी भी व्यक्ति के सीने पर आसानी से लगाया जा सकता है और यह अपने आप ही सीपीआर देने की प्रक्रिया शुरू कर देती है। इसके प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- ऑटोमेटिक फंक्शनिंग: यह डिवाइस पूरी तरह से ऑटोमेटिक है और इमरजेंसी में तुरंत सक्रिय हो जाती है।
- पोर्टेबल डिजाइन: इसका डिज़ाइन पोर्टेबल है जिससे इसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है।
- इंटेलिजेंट सेंसर: इसमें इंटेलिजेंट सेंसर लगे हैं जो हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचान कर तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं।
विशेषज्ञों की राय
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर डॉ. एस.के. मुखर्जी ने बताया, “यह डिवाइस हार्ट अटैक के मामलों में जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसका उपयोग करने के लिए किसी विशेष ट्रेनिंग की आवश्यकता नहीं है, और यह किसी भी स्थिति में तुरंत उपयोग के लिए तैयार रहती है।”
रेस्पिरोनिक्स के सीईओ श्री राम प्रसाद ने कहा, “हमने इस डिवाइस को विशेष रूप से उन परिस्थितियों के लिए विकसित किया है जहां त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध नहीं हो पाती। यह डिवाइस कई जानें बचा सकती है।”
उपयोग और रखरखाव
इस डिवाइस का उपयोग बहुत ही सरल है। इसे पीड़ित के सीने पर लगाकर बटन दबाना होता है और डिवाइस खुद ही सीपीआर देना शुरू कर देती है। इसे उपयोग करने के बाद नियमित रूप से साफ करना और चार्ज करना आवश्यक है ताकि आपात स्थिति में यह पूरी तरह से कार्य करने के लिए तैयार रहे।
सारांश
आईआईटी कानपुर और रेस्पिरोनिक्स के इस प्रयास से न केवल हार्ट अटैक के मामलों में समय पर सीपीआर दिया जा सकेगा, बल्कि इससे संबंधित मौतों में भी कमी आ सकती है। इस प्रकार की डिवाइस की उपलब्धता से देश में चिकित्सा सहायता की पहुंच में बड़ा सुधार हो सकता है।