क्या है H3N2 वायरस? क्या कोविड जितना ही है खतरनाक? इससे कैसे बचें?

सरकार ने शुक्रवार को बताया कि इन्फ्लुएंजा ए सबटाइप H3N2 वायरस से भारत में कर्नाटक और हरियाणा में एक-एक व्यक्ति की मौत दर्ज की गई है। इसमें कहा गया है कि देशभर में इस वायरस के करीब 90 मामले सामने आ चुके हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अधिकारियों का बयान आया है कि भारत के कई हिस्सों में बुखार के साथ एक सप्ताह से अधिक समय तक रहने वाली तेज़ खांसी के मामलों में हाल ही में हुई तेजी आई है, इसे इन्फ्लुएंजा ए सबटाइप H3N2 वायरस से जोड़ा जा सकता है।
इंस्टाग्राम पर ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. रचना ने इसके बारे में एक पोस्ट में विस्तार से बताया है। वह कहती हैं कि बिना डॉक्टर के कंसलटेशन के किसी भी तरह की कोई दवा न खाएं खासकर एंटीबायोटिक। उनका कहना है कि इसके लिए हमें साफ-सफाई की आदतों को कोविड की तरह ही व्यवहार में लाना और उन्हीं नियमों का पालन करना है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है और बिना सोचे-समझे दवा लेने से बचना चाहिए।
H3N2 वायरस क्या है?
इन्फ्लुएंजा वायरस, जो फ्लू के रूप में जानी जाने वाली संक्रामक बीमारी का कारण बनता है, चार अलग-अलग प्रकार के होते हैं: ए, बी, सी और डी। इन्फ्लुएंजा ए को अलग-अलग सबटाइप्स में बांटा गया है और उनमें से एक H3N2 है। संयुक्त राज्य अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, H3N2 1968 की फ्लू महामारी का कारण बना, जिसके कारण दुनिया भर में लगभग दस लाख लोगों की मौत हुई और अमेरिका में लगभग 100,000 लोग मारे गए।
नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित एक 2020 के अध्ययन में पाया गया कि वायरस के स्ट्रेन पिछले पांच दशकों में काफी विकसित हुए हैं क्योंकि 1960 और 1970 के दशक के अंत में पैदा हुए लोग इससे बच्चों के रूप में संक्रमित हुए थे।
H3N2 के लक्षण क्या हैं?
इसके लक्षण किसी भी अन्य फ्लू की तरह ही होते हैं। उनमें खांसी, बुखार, शरीर में दर्द और सिरदर्द, गले में खराश, बहती या भरी हुई नाक और अत्यधिक थकान शामिल हैं। जी मिचलाना, उल्टी और दस्त बहुत कम मामलों में देखे गए हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अनुसार, H3N2 से होने वाला संक्रमण आमतौर पर पांच से सात दिनों तक रहता है और तीन दिनों के बाद बुखार उतरना शुरू हो जाता है। हालांकि, खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है।
किस आयु वर्ग के लोग ज़्यादा असुरक्षित हैं?
आईएमए के मुताबिक, यह वायरस आमतौर पर 15 साल से कम या 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को अपना शिकार बनाता है। बच्चे, अस्थमा, मधुमेह, हृदय रोग, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और न्यूरोलॉजिकल या न्यूरोडेवलपमेंटल स्थितियों जैसी को-मोर्बीडीटी वाले लोगों को ज़्यादा जोखिम होता है।
इसे फैलने से कैसे रोका जाए?
स्व-स्वच्छता H3N2 को फैलने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। खाने से पहले हाथ धोना या अपने चेहरे, नाक या मुंह को छूने के बाद हाथ धोना, पॉकेट सैनिटाइज़र साथ रखना, और पहले से ही वायरस या किसी अन्य मौसमी फ्लू से संक्रमित लोगों से बचना कुछ ऐसे कदम हैं जो आप H3N2 वायरस से खुद को बचाने के लिए उठा सकते हैं। इसके अलावा, एक स्वस्थ आहार जिसमें भरपूर मात्रा में फल और सब्जियां शामिल हों, वह भी इम्युनिटी में सुधार करने में अहम भूमिका निभा सकता है। बहुत सारे तरल पदार्थ पीने और घर का बना, कम मसाले वाला और कम वसा वाला खाना खाने से भी मदद मिल सकती है।
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