
कोरोना वायरस की महामारी पूरी दुनिया में तेजी से फैल रही है। इसकी वैक्सीन (Vaccine) बनाने को लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक और शोधकर्ता जुटे हुए हैं। इन सबके बीच कुछ ऐसी भी होम्योपैथिक दवाएं हैं जो इस वायरस से बचाव में काफी उपयोगी साबित हो रही हैं। यह दवाएं बचाव के साथ ही उपचार में भी कारगर हैं। इन दवाओं का नाम आर्सेनिक एल्बम 30 (Arsenic Album 30), केम्फोर 1 एम (Camphor 1M) व इनफ्लुएंजियम (Influenzinum) हैं। देश विदेश के साथ ही महाराष्ट्र में भी इसे हजारों लोगों पर टेस्ट किया गया, जिसमें ये काफी असरदार रही हैं। इन होम्योपैथिक दवाओं के बारे में इंडियावेव से होम्योपैथी के जाने-माने चिकित्सक से भी बात की हैं।
जानिए चिकित्सक की क्या है राय
आर्सेनिक एल्बम 30 (Arsenic Album 30), केम्फोर 1 एम (Camphor 1M) व इनफ्लुएंजियम (Influenzinum) दवाएं कोरोना संक्रमण के बचाव और उपचार में कैसे कारगर साबित हो रही हैं, इसको लेकर होम्योपैथिक के चिकित्सक डॉ अम्बुज कुमार शुक्ल ने कई सवालों के जवाब दिए। उन्होंने बताया कि ये दवाएं कम्युनिटी डिसीज के सामान्य लक्षणों के आधार पर बनाई जाती हैं, इसलिए ये काफी असरदार साबित हो रही हैं। इसमें आयुष मंत्रालय की ओर से रिकमेंड की गई आर्सेनिक एल्बम 30 (Arsenic Album 30) दवा के बारे में डॉ अम्बुज ने बताया कि ये बचाव और उपचार दोनों में ही कारगर है। इसमें ऐसे तत्व भी हैं जो रोग के प्रति इम्युनिटी डेवलप करने के अलावा मनौवैज्ञानिक रूप से भी असर करते हैं। इसमें रोग के प्रति लोगों के मन से डर भी समाप्त होता है और व्यक्ति का शरीर और अच्छे से काम करता है।
उन्होंने बताया कि इनफ्लुएंजियम (Influenzinum) एक नोसेड (Nosode) है। जो संबंधित वायरस से ही बनाई जाती है। इसलिए ये बेहद कारगर है।
केम्फोर 1 एम (Camphor 1M) ईरान में कोरोना वायरस के मरीजों पर प्रयोग की गई जहां इसका बेहतरीन प्रभाव देखने को मिला।
भारत में अन्य देशों की अपेक्षा कोरोना संक्रमण की वजह से होने वाली मौतों की संख्या काफी कम है। इसका सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है कि यहां लोग काफी पहले से ही आर्सेनिक एल्बम 30 (Arsenic Album 30) ले रहे थे, जिससे लोगों में इम्युनिटी डेवलप हुई है।
लोगों में ये भ्रम है कि होम्योपैथिक दवाएं तुरंत असर नहीं दिखाती है, जबकि ऐसा नहीं है। होम्योपैथिक की दवाएं एलोपैथिक की तरह ही तुरंत रोग पर प्रभाव डालती हैं।
होम्योपैथिक की दवाओं से रोग की जगह लक्षण के आधार पर उपचार किया जाता है। रोगी को हर डोज में कम से कम 4 गोली जरूर लेनी चाहिए।
होम्योपैथिक की दवाएं हर आयुवर्ग के लोगों पर समान प्रभाव डालती हैं। साथ ही इसे बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी ले सकते हैं।
इन दवाइयों को भी चिकित्सक के परामर्श के आधार पर ही लेना चाहिए। चिकित्सक लक्षणों के आधार पर ही दवाई देते हैं।

असरदार रही है ये दवाएं
इन दवाओं के जरिए कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव को लेकर कई मामले सामने आए हैं। इसमें आर्सेनिक एल्बम 30 (Arsenic Album 30) व केम्फोर 1 एम (Camphor 1M) दवाई का प्रयोग मुंबई में कई लोगों पर किया गया। महाराष्ट्र पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस दवाई को राज्य के मुंबई पुलिस के 50000 हजार व पूरे प्रदेश के करीब 2 लाख से ज्यादा पुलिसकर्मियों को दिया गया था। इसका नतीजा चौंकाने वाला रहा। दरअसल पुलिस मुख्यालय ने महाराष्ट्र के सभी पुलिसकर्मियों को ये दवाइयां देने को कहा था। इससे पाया गया कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत हुई और उनमें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं पाया गया। इस नतीजे की वजह से लोगों में इस दवाई की मांग भी तेजी से बढ़ गई है। यह दवाई भी बेहद सस्ती है, इसकी कीमत महज 20-25 रुपये है।
आयुष मंत्रालय ने की थी संस्तुति
केन्द्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने करीब दो महीने पहले कोरोना वायरस से बचाव को लेकर एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आर्सेनिक एल्बम 30 (Arsenic Album 30) दवा के सेवन की सलाह दी गई थी। आयुष मंत्रालय ने कहा था कि ये दवाई इंसान के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। ऐसे लोग जिनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। और जिनको सर्दी-खांसी, जुकाम व सांस लेने में परेशानी, शरीर दर्द होने की समस्या आ रही है या बनी रहती है तो वो इस दवा का सेवन कर सकते हैं। इसके जरिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत की जा सकती है। शुरुआत में इस दवा के बारे में व्हाट्सअप पर कई तरह के मैसेज वायरल हो रहे थे, जिसके बारे में आयुष मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि ये दवा कोरोना वायरस के प्रति इम्युनिटी विकसित कर सकती है। इस दवा का इस्तेमाल तीन दिन करना होगा। मंत्रालय की ओर से इस दवा को तीन दिन तक खाली पेट लेने की एडवायजरी जारी की थी।

कई लोगों पर फायदेमंद रही Camphor 1M
इस समय केम्फोर 1 एम (Camphor 1M) नाम की एक होम्योपैथिक दवा काफी चर्चा में है। यह दवाई कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रति इम्युनिटी बढ़ाने में काफी सफल साबित हो रही है। बताया जा रहा है कि कई देश इस दवा का इस्तेमाल कर अपने यहां कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में काफी कमी कर चुके हैं। ईरान जैसे देश ने भी इसकी मदद से कोरोना संक्रमण को पछाड़ने में सफलता हासिल की है। इस दवा को लेकर कई चिकित्सक भी अपना दावा पेश कर चुके हैं। उद्योगपति राहुल बजाज ने तो इस दवा को बड़ी संख्या में अपने स्टाफ और महाराष्ट्र की पूना पुलिस को बांटा है। उनके अनुसार इस दवा को लेने वाले सभी लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं पाया गया है। वो इस दवाई को बेहद सफल मानते हैं।
बिजनेसमैन राहुल बजाज ने भी माना उपयोगी
देश की अग्रणी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राहुल बजाज भी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए होम्योपैथिक दवाओं को बेहतर ऑप्शन मानते हैं। एक चैनल को दिए गए अपने बयान में उन्होंने कहा है कि वो अपने व्यक्तिगत प्रयोग के आधार पर होम्योपैथिक दवाओं को काफी उपयोगी मानते हैं। स्वाइन फ्लू की बीमारी के वक्त भी उन्होंने कई मरीजों में इसका बेहतरीन असर देखा था। उन्होंने कहा कि उनके ईरान नेपाल, नीदरलैंड जैसे देशों में केम्फोर 1 एम (Camphor 1M) नाम की एक होम्योपैथिक दवा ने पिछले चार हफ्ते में कई लोगों को ठीक किया है। ऐसे मरीज अब ठीक होकर अपने घर भी जा चुके हैं। राहुल ने कहा कि इस दवा का असर 48 घंटों में ही दिखने लगता है। यह दवा बचाव और उपचार के मामले में पूरे विश्व में उपयोगी साबित हो रही है।
Camphor 1M लेने का तरीका
होम्योपैथिक की ये दवाई कोरोना वायरस के प्रति शरीर में इम्युनिटी विकसित करती है। इस दवा को लेने से पहले नीचे लिखे तरीकों को पढ़ लें। इस दवा को लेते समय ये बात का ख्याल रखें कि इसके साथ प्याज, लहसुन, हींग जैसी खुशबू वाली चीजें नहीं खानी हैं। अगर इस बात का परहेज करेंगे तो इसका लाभ मिलेगा।
सुबह नाश्ते के आधे घंटे के बाद 4 गोली लें
दोपहर में खाने के आधे घंटे के बाद 4 गोली का सेवन करें
रात में खाना खाने के आधे घंटे बाद 4 गोली खाएं