Navratri 2022 : व्रत रखने के बारे में क्या कहता है आयुर्वेद?

नवरात्रि का त्योहार शुरू हो चुका है। इस दौरान लोग देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। कुछ लोग पूरे नौ दिन का व्रत रखते हैं जबकि कुछ लोग सिर्फ पहला और आखिरी। इस नौ दिनों की अवधि के दौरान उपवास को शुभ माना जाता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह शरीर को डिटॉक्स करने का भी एक शानदार तरीका है। पर कैसे?
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. दीक्सा भावसार सावलिया ने इंस्टाग्राम पर इसके बारे में लोगों को डिटेल में बताया है। उन्होंने लिखा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि इस मौसम (चातुर्मास) के दौरान मेटाबॉलिज्म तुलनात्मक रूप से कम होता है और व्रत करने से आपके शरीर को पर्याप्त आराम मिलता है।" उनका कहना है कि हमारे पेट को बेहतर तरीके से काम करने के लिए उपवास की जरूरत होती है।
डॉ दीक्सा के अनुसार, कोई भी इस तरह के उपवास कर सकता है, जैसे:
- सूखा उपवास (खाना नहीं- पानी नहीं)
- सिर्फ पानी पीकर
- फल खाकर
- तरल पदार्थ पर उपवास (हर्बल पेय)
- सिर्फ अनाज छोड़कर
- चीनी और नमक छोड़कर
- इंटरमिटेंट फास्टिंग (8 या 10 घंटे के बीच खाकर 16 या 14 घण्टे का उपवास)
उन्होंने यह भी लिखा है कि अगर आप गर्भवती हैं या आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं या दवा ले रहे है तो आपको उपवास नहीं करना चाहिए क्योंकि यह फायदे से ज्यादा नुकसान करेगा।
डॉक्टर ने उन खाद्य पदार्थों की भी लिस्ट शेयर की है जिन्हें व्रत के दौरान अपने खाने में शामिल किया जा सकता है। जैसे -
- फल
- नट्स
- डेयरी (दूध, दही, छाछ)
- राजगिरा/कुट्टू रोटी
- साबुदाना/बाजरा की खिचड़ी
- उबले हुए शकरकंद और आलू
- नारियल का पानी/गन्ने का रस
- घर की बनी मिठाई
- हिमालयी नमक का प्रयोग
- मखाना
डॉ. दीक्सा ने यह भी लिखा कि चिप्स, फलाहारी चिवड़ा और तले हुए भोजन को अवॉयड करें। इससे बेहतर है कि व्रत न ही रखा जाए।
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