
बदलते मौसम के साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि स्वस्थ आंतें ही बेहतर स्वास्थ्य की कुंजी हैं, क्योंकि आंतों को दूसरा मस्तिष्क कहा जाता है। ये न केवल भोजन पचाने का काम करती हैं, बल्कि आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती हैं।
क्या है गुड बैक्टीरिया और क्यों हैं जरूरी?
इंटरनेशनल साइंटिफिक एसोसिएशन फॉर प्री-बायोटिक्स और प्रो-बायोटिक्स के अनुसार, गुड बैक्टीरिया ऐसे जीवित सूक्ष्मजीव होते हैं, जो पेट में संतुलन बनाए रखते हैं। ये हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करके पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं। प्रो-बायोटिक का नियमित सेवन टाइप-2 डायबिटीज, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव में मदद करता है।
कैसे शामिल करें प्रो-बायोटिक्स को अपने आहार में?
1. एपल साइडर वेनेगर:
- इसमें मौजूद प्रो-बायोटिक गुण आंतों को स्वस्थ रखते हैं और वजन कम करने में मदद करते हैं।
- इसे गुनगुने पानी में मिलाकर सुबह सेवन करना फायदेमंद है।
2. इडली और डोसा:
- दाल और चावल के खमीर वाले मिश्रण से बनने वाली ये डिशेज कार्बोक्विजलिक एसिड बैक्टीरिया से भरपूर होती हैं।
- ये पाचन तंत्र को मजबूत करती हैं और भोजन को बेहतर तरीके से पचाने में मदद करती हैं।
3. चुकंदर:
- प्री-बायोटिक का उत्कृष्ट स्रोत, खासकर उन लोगों के लिए जो लैक्टोज असहिष्णु हैं।
- इसे सलाद, सूप या सब्जी के रूप में अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।
सेहत के लिए छोटी-छोटी आदतें:
- फाइबर युक्त आहार जैसे दलिया, साबुत अनाज और फल खाएं।
- पानी भरपूर मात्रा में पिएं, ताकि शरीर से विषाक्त पदार्थ निकल सकें।
- प्रो-बायोटिक और प्री-बायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों को नियमित आहार का हिस्सा बनाएं।
स्वस्थ आंतें आपके शरीर को बीमारियों से बचाने और ऊर्जा से भरपूर रखने का काम करती हैं। इसलिए, गुड बैक्टीरिया युक्त आहार अपनाकर अपने और अपने परिवार को बदलते मौसम की बीमारियों से सुरक्षित रखें।