हार्ट अटैक की तरह ही अब ब्रेन स्ट्रोक के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. पहले ये बीमारी बुजुर्गों को होती थी, लेकिन अब कम उम्र में भी लोग इसका शिकार हो रहे हैं. बीते 2 दशकों में युवाओं में स्ट्रोक के मामलों में करीब 15 फीसदी का इजाफा हुआ है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की स्टडी में इस बात का खुलासा किया गया है. इस स्टडी से पता चला है कि अब 18 से 44 साल आयु वर्ग में स्ट्रोक के मामले बढ़ते जा रहे हैं. साल 2010 के बाद से ही स्ट्रोक के केस बढ़ रहे हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन सालों में लोगों के लाइफस्टाइल में भी काफी बदलाव देखा गया है. इसके अलावा खानपान का पैटर्न भी लगातार बदलता जा रहा है. सीडीसी के मुताबिक, रिसर्च में बताया गया है कि स्ट्रोक का खतरा महिला और पुरुष दोनों में ही बढ़ा है. पुरुषों में करीब 7 फीसदी और महिलाओं में 10 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. रिसर्च में बताया गया है कि दुनियाभर में स्ट्रोक मौत का पांचवा सबसे बड़ा कारण है. अधिकतर मामलों में मरीज को लक्षणों की जानकारी नहीं होती है और वह देर से अस्पताल पहुंचता है. इलाज में देरी से मौत का आंकड़ा बढ़ता है.
क्यों बढ़ रहे स्ट्रोक के मामले
रिसर्च में बताया गया है कि स्ट्रोक के मामले बढ़ने के कई कारण हैं. इनमें ब्रेन में बने ब्लड क्लॉट, हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल बड़ी वजह है. ब्रेन में खून के थक्के बनने से ब्लड का सर्कुलेशन सही नहीं हो पाता है. इससे स्ट्रोक आ जाता है. इसी तरह बीपी बढ़ने से ब्रेन में मौजूद नसों पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है और उनसे ब्लीडिंग हो जाती है. ऐसे में लोगों को हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने की सलाह दी जाती है.
इन लोगों को भी ज्यादा रिस्क
सीडीसी के मुताबिक, जो लोग ज्यादा धूम्रपान करते हैं. शराब का सेवन करते हैं और जिनकी लाइफस्टाइल खराब है और जो लोग मोटापे का शिकार हैं उनको भी स्ट्रोक आने का रिस्क अधिक होता है. ऐसा 18 साल की उम्र तक में भी हो सकता है. रिसर्च के शोधकर्ताओं ने लोगों को धूम्रपान न करने की सलाह दी है. साथ ही स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों की जानकारी भी दी गई है.
क्या हैं स्ट्रोक के लक्षण
सिर में बहुत तेज दर्द
आंखों से धुंधला दिखना
चक्कर आना
बोलने में परेशानी
कैसे करें बचाव
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रखें
रोजाना एक्सरसाइज करें
वजन को कंट्रोल में रखे
अगर सिर में दर्द की समस्या है तो डॉक्टर से सलाह लें