क्या जलेबी-रबड़ी खाने से ठीक हो जाता है माइग्रेन?

आजकल लोग ऐलोपैथिक दवाओं के साइड इफेक्ट्स की वजह से एक बार फिर आयुर्वेदिक दवाओं की ओर रुख कर रहे हैं। अपनी पुरानी चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में लोगों का भरोसा फिर से लौट रहा है। आयुर्वेदिक चिकित्सक भी जीवनशैली से जुड़ी ऐसी समस्याओं से निपटने में आपकी मदद करने का भरोसा दिलाते हैं जो ज्यादातर खराब आहार, नींद की कमी और कम शारीरिक गतिविधि के कारण होती हैं।
आयुर्वेदिक चिकित्सक आपकी मदद करने के लिए जीवनशैली में बदलाव लाने पर जोर देते हैं। वे यह भी कहते हैं कि कई पुरानी समस्याओं से निपटने में शारीरिक संरचना का भी रोल होता है। कुछ इसी तरह की बात हाल ही में आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. मिहिर खत्री ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करके की। इस वीडियो में बताया गया है कि रबड़ी-जलेबी खाने से काफी हद तक माइग्रेन की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। माइग्रेन एक तरह का तेज सिर दर्द होता है जो सिर के एक हिस्से में उठता है।
डॉ. खत्री के मुताबिक, सूर्योदय वात (वायु और अंतरिक्ष तत्व) से जुड़ा है, जो दर्द का कारण बनता है। चूंकि जलेबी और रबड़ी "कफवर्द्धक आहार" हैं, या दोषों में संतुलन लाते हैं, वे माइग्रेन से संबंधित सिरदर्द से निपटने में मदद करते हैं। उन्होंने लिखा कि रबड़ी के साथ गरमा गरम जलेबी खाएं लेकिन केवल 1-3 सप्ताह तक ऐसा करें। हालांकि, मधुमेह वाले लोग या जो लैक्टोज इन्टॉलरेंट हैं, उन्हें इससे पूरी तरह से बचना चाहिए।
हालांकि, ऐसे किसी भी दावे के अनुसार कुछ करने से पहले यह ज़रूरी है कि आप एक बार अपने डॉक्टर से ज़रूर कंसल्ट करें क्योंकि ऐसा ज़रूरी नहीं है कि अगर कुछ लोगों को इससे फायदा हुआ है तो आपको भी हो। कई लोग प्रीडायबिटिक होते हैं और उन्हें इसका पता नहीं होता ऐसे में एक साथ ज़्यादा मीठा खाने से हमेशा बचना चाहिए।
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