आयुर्वेद हमारे देश की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धतियों में से एक है। आज भी कई लोग इसकी सहायता से अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सुलझाते हैं। ज़िन्दगी जीने का ये तरीका रासायनिक मुक्त होने के लिए जाना जाता है और किसी भी दुष्प्रभाव के बिना हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। आयुर्वेद कई तकनीकों और उपचारों के लिए जाना जाता है, इसी की एक विधा है ‘पदभ्यंग’, जिसका मतलब है पैरों की मालिश।
रात में पैरों की मालिश करना बेहद कारगर होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि “नियमित पादभ्यंग आपकी त्वचा को कोमल, बालों को चमकदार और याददाश्त को तेज कर सकता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीक्षा भावसार, ने अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में इसके बारे में बताया है। उन्होंने लिखा है कि पाद पैर के लिए संस्कृत शब्द है; इसलिए पदभ्यांग का अर्थ पैरों की मालिश है।
वह लिखती है कि हमारे पैर हमारी नींव हैं और हमारे नीचे जमीन से हमारा संबंध है। हम अक्सर भूल जाते हैं कि हमारे पैर कितनी मेहनत करते हैं और उन्हें वह प्यार नहीं देते जिसकी उन्हें जरूरत है और जिसके वे हकदार हैं। पैरों में कई दबाव बिंदु भी होते हैं जिनका प्रतिरक्षा और तंत्रिका तंत्र से संबंध होता है। आयुर्वेद का मानना है कि इन बिंदुओं को उत्तेजित करने से आराम में मदद मिल सकती है, और इससे आप बिस्तर पर जाने से पहले तंत्रिका तंत्र को शांत कर सकते हैं। यह प्रैक्टिस ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देने वाली नसों को सक्रिय करने में मदद करती है। वह बताती हैं कि आप अपने पैरों की मालिश करने के लिए किसी भी तेल का उपयोग कर सकते हैं, “तिल के तेल को पारंपरिक रूप से मन को शांत करने के लिए उपयोग किया जाता है, नारियल का तेल और सरसों का तेल भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक नीति शेठ ने एक प्रभावी मालिश के लिए स्टेप बाई स्टेप एक लिस्ट बनाई है। वह लिखती हैं कि मालिश शुरू करने से पहले, एक गहरे रंग का तौलिया संभाल कर रखना सुनिश्चित करें ताकि फर्श तैलीय न हो और आप फिसले नहीं।
- अपनी पसंद का गर्म तेल या घी लें। (सर्दियों में तिल या गर्मियों में घी/नारियल का तेल)। आप लैवेंडर या मेंहदी जैसे तेल भी इसमें मिला सकते हैं।
- अपने पूरे पैर में तेल लगाएं।
- दोनों टखनों की सर्कुलर मोशन में मसाज करें।
- एड़ी के ऊपर और नीचे मालिश करें।
- धीरे-धीरे हर पैर की अंगुली को ऊपर की तरफ खींचें और अंगुली के आधार से पैर की अंगुली के नाखून तक मालिश करें।
- दोनों हाथों से पैर के आगे के हिस्से की तेज़ मालिश करें। अपने अंगूठे का इस्तेमाल करके, अपने पैर के दोनों मेहराबों की मालिश करें , यहाँ थोड़ा और समय दें और तेज़ दबाव का उपयोग करें। यह प्लांटर फेशियाटिस से जुड़े पैरों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करेगा।
- अपने पैर के पीछे से हर पैर की अंगुली को धीरे से खींचे और मालिश करें।
- बंद मुट्ठी से पैर को ऊपर और नीचे गूंधें।
- दोनों हाथों से पैर के ऊपर और नीचे की तरफ दबाव के साथ मालिश करें। अपने बड़े पैर की अंगुली के नीचे पैर के हिस्से पर ध्यान दें।
- अपनी एड़ी की मालिश करें।
- पूरे पैर की मालिश करें और गर्म रहने के लिए एक जुर्राब रखें और फर्श पर तेल न लगने दें।
- दूसरे पैर पर भी इसी प्रकिया को दोहराएं।