
वर्तमान में दुनियाभर मे 5.2 करोड़ लोग मिर्गी की बीमारी से ग्रस्त हैं। ग्लोबल बर्डन ऑफ डीजीज इंजरीज एंड रिस्क फ़ैक्टर्स स्टडी 2021 के अनुसार 1990 से 2021 के बीच मिर्गी के मामलों में 10.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
ये दौरे अक्सर मामूली होते हैं, लेकिन कई बार गंभीर रूप भी ले सकते । हालांकि इस बीमारी को दवाइयों की मदद से काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक यह विकार किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है।
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज, इंजरीज एंड रिस्क फैक्टर्स स्टडी 2021 (जीबीडी) पर आधारित इस अध्ययन के मुताबिक 1990 से 2021 के बीच मिर्गी से पीड़ित लोगों की संख्या में 10.8 फीसदी की वृद्धि हुई है। शोधकर्ताओं के मुताबिक इसके पीछे की एक वजह मिर्गी के मामलों की बेहतर पहचान भी है।
बच्चों और वयस्को में होने वाली मिर्गी में भिन्नता
बच्चों में मिर्गी वयस्कों से भिन्न होती है, बच्चों में विशिष्ट प्रकार के आनुवंशिक मिर्गी सिंड्रोम होते हैं। उनमें से कुछ उम्र के साथ ठीक हो जाते हैं और कुछ जीवन भर रहते हैं। बेहतर प्रबंधन के लिए बच्चों में मिर्गी सिंड्रोम के प्रकार का पता लगाना महत्वपूर्ण है। बच्चों में उम्र के साथ विभिन्न प्रकार की मिर्गी का पता लगाने के लिए विशिष्ट परीक्षणों की आवश्यकता होती है। वयस्कों में ज्यादातर मिर्गी संक्रमण, आघात, स्ट्रोक, ट्यूमर, शराब और नशीली दवाओं के सेवन, हाइपोग्लाइसीमिया, हाइपोनेट्रेनिया जैसी स्थिति के कारण मस्तिष्क में कुछ माध्यमिक विकारों के कारण होती है।
इन्हें प्राथमिक बीमारी के उपचार के साथ-साथ एंटीपीलेप्टिक दवाओं के साथ प्रबंधित किया जाता है। इस प्रकार की मिर्गी वयस्कों में पूरे जीवन के लिए नहीं बल्कि थोड़े समय के लिए उपचार की आवश्यकता होती है और वयस्कों में सामान्यीकृत इडियोपैथिस मिर्गी भी देखी जाती है। जिसके लिए जीवन भर उपचार की आवश्यकता होती है।
बच्चों में मिर्गी के कारण
• तंत्रिका-संकेत देने वाले मस्तिष्क रसायनों (न्यूरोट्रांसमीटर) का असंतुलन
• मस्तिष्क का ट्यूमर
• आघात
• बीमारी या चोट से मस्तिष्क क्षति
उपरोक्त लक्षणों के संयोजन से बच्चों में दौरा पड़ सकता है। हालांकि अधिकांश मामलों में, दौरे का कारण पता नहीं चल पाता है। सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे में ऐसे कोई भी लक्षण नजर आएं तो चौबीस घंटे विशेषज्ञों की सुविधा प्रदान करने वाले अस्पताल में चेकअप कराएं और सही इलाज लें।