उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा गुणवत्ता में लगातार सुधारने का प्रयास कर रही है। प्रदेश सरकार की तरफ से विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को भी पूरा किया जा रहा है, इसके लिए प्रदेश में एक के बाद एक करके भर्तियां निकाली जा रही है। प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों के साथ ही इंटर कॉलेजों में भी शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए भर्ती निकाली गई है। इसी कड़ी में प्रदेश के जीआईसी में प्रधानाचार्यों के पदों को भी भरने की तैयारी की जा रही है। उत्तर प्रदेश के जीआईसी को जल्द ही 83 नए प्रधानाचार्य मिल जाएंगे। यहां पर प्रधानाचार्यों के पदों को भरने की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है।
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों में शीघ्र ही 83 नए प्रधानाचार्यों की नियुक्ति हो जाएगी। इन अभ्यर्थियों का लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा-2018 के माध्यम से सीधी भर्ती द्वारा चयन हुआ है। उन्होंने बताया कि लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 83 अभ्यर्थियों में से 61 अभ्यर्थियों की स्पष्ट संस्तुति विभाग को प्राप्त हो गई है। शेष अभ्यर्थियों की संस्तुति प्राप्त करने की प्रक्रिया चल रही है। इन 61 अभ्यर्थियों से निर्धारित प्रपत्र में सत्यापन पत्र एवं स्वघोषणा पत्र प्राप्त कर पारदर्शी व्यवस्था अपनाते हुए नियुक्ति पत्र निर्गत करने की कार्यवाही शीघ्र प्रारंभ की जाएगी। डिप्टी सीएम ने बताया कि प्रदेश के अधिकांश राजकीय इंटर कॉलेजों में विगत कई वर्षों से प्रधानाचार्यों का पद रिक्त चल रहा था। इन विद्यालयों में नए प्रधानाचार्य प्राप्त होने से पठन-पाठन के कार्य में गति प्राप्त होगी तथा शिक्षा की गुणवत्ता में और अधिक सुधार होगा। इन प्रधानाचार्यों द्वारा कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात शीघ्र ही इनका प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने यह भी बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान कार्यक्रम में स्वीकृत 1,472 नवीन राजकीय हाईस्कूलों में कार्यरत 3,099 शिक्षकों तथा 859 प्रधानाध्यापकों के प्रथम त्रैमास के वेतन के लिए 65.57 करोड़ की धनराशि जारी कर दी गई है। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत स्वीकृत नवीन राजकीय हाईस्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन की धनराशि केन्द्रांश अवमुक्त हो जाने के उपरान्त दी जाती है। प्रदेश सरकार द्वारा केन्द्रांश की प्रत्याशा में उक्त शासनादेश निर्गत किया गया है, इससे इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को नियमित वेतन भुगतान किया जा सकेगा।