उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की तरफ से समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा में हुई धांधली पर सीबीआई सख्त हो गई है। सीबीआई ने समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ)-2014 में हुईं धांधली पर कार्रवाई शुरू कर दी है। समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी में हुई धांधली की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए चयनित अभ्यर्थियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है। सीबीआई ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को दिल्ली स्थित मुख्यालय में तलब किया है। यही नहीं, सीबीआई की तरफ से इस मामले में कुछ अभ्यर्थियों से पूछताछ भी की जा चुकी है। अब इसके बाद सीबीआई टाइप टेस्ट की कॉपियां जांचने वालों से भी पूछताछ कर सकती है।
बता दें, अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती-2010 मामले में पूर्व परीक्षा नियंत्रक और आयोग के अज्ञात कर्मचारियों/अफसरों एवं बाहरी अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। अब सीबीआई के निशाने पर आरओ/एआरओ भर्ती-2016 के संदिग्ध चयनित अभ्यर्थी हैं। इस मामले में सीबीआई को शिकायत मिली थी कि आरओ/एआरओ परीक्षा-2014 में कई अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट बदल दी गई थी। इस परीक्षा में अभ्यर्थियों से ओ-लेवल सर्टिफिकेट मांगे गए थे, लेकिन ओ-लेवल सर्टिफिकेट की जगह दूसरे प्रमाणपत्र को भी स्वीकार कर लिया गया था। यही नहीं, कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जी अभिलेख लगाए जाने की शिकायत भी की थी। इसके अलावा इस भर्ती को लेकर यह भी आरोप लगाए थे कि तमाम अभ्यर्थियों को टाइप टेस्ट में अनुचित लाभ पहुंचाया गया। टाइप टेस्ट में फेल हुए अभ्यर्थियों का भी इस भर्ती में चयन कर लिया गया।
साक्ष्य भी कराए गए उपलब्ध
इस मामले में शिकायत करने वाले अभ्यर्थियों ने सीबीआई को साक्ष्य भी उपलब्ध कराए है। अभ्यर्थियों ने अपनी शिकायतों के साथ ही सीबीआई को कई साक्ष्य भी उपलब्ध कराए थे। यही नहीं, सीबीआई ने इस मामले में जब जांच शुरू की तो शुरुआत में ही गड़बड़ी के सुबूत मिलने पर प्राथमिक जांच भी दर्ज करा ली गई थी। बता दें, आरओ/एआरओ-2014 का अंतिम चयन परिणाम 28 नवंबर 2016 को जारी किया गया था, जिसमें आयोग की तरफ से 426 अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयनित घोषित किया गया था। इस मामले की जांच करने में जुटी सीबीआई ने इस मामले में संदिग्ध चयनितों को नोटिस जारी करके पूछताछ के लिए मुख्यालय तलब किया है। आयोग की तरफ से अब तक कुछ अभ्यर्थियों से पूछताछ भी की चुकी है। वहीं, इस मामले में सीबीआई के निशाने पर टाइप टेस्ट की कॉपियां जांचने वाली भी हैं और उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि सीबीआई पूछताछ के बाद में आरओ/एआरओ-2014 के मामले में भी एफआईआर दर्ज कर सकती हैं।