UP BEO Exams: कोरोना के डर से लाखों अभ्यर्थियों ने छोड़ी परीक्षा, आगे फिर परीक्षा की तैयारी

देश में भले ही कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा बढ़ रहा, लेकिन उत्तर प्रदेश में इसको बढ़ावा देने के लिए लगातार परीक्षाओं का दौर जारी है। उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक करके परीक्षाएं आयोजित कराई जा रही है। 9 अगस्त को उत्तर प्रदेश में बीएड की प्रवेश परीक्षा (B.ED Exams) का आयोजन किया गया। इसके बाद 16 अगस्त को खण्ड शिक्षाधिकारी (बीईओ) की परीक्षा (Block Education Officer Exams) का आयोजन किया गया।
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अब अगले सप्ताह उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (Uttar Pradesh Public Service Commission) एक और परीक्षा कराने की तैयारी कर रहा है। आयोग के कैलेंडर के हिसाब से 23 अगस्त को कम्प्यूटर सहायक की परीक्षा का आयोजन किया जाना है। आयोग (Uttar Pradesh Public Service Commission) ने अलगे सप्ताह आयोजित होने वाली परीक्षा (UP BEO Exams) की तैयारी भी शुरू कर दी है, लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न यही है कि आखिरकार आयोग ऐसा क्यों कर रहा है जब पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ रहा है।
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कोरोना के भय से अभ्यर्थियों ने बनाई दूरी
इस समय उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, ऐसे में अब लोग अपनी सेहत को लेकर सजग हो रहे हैं। रविवार को उत्तर प्रदेश में आयोजित हुई खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) प्रारंभिक परीक्षा-2019 (Block Education Officer Exams) में महज 44.18 प्रतिशत अभ्यर्थी ही शामिल हुए। यह परीक्षा उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में 1127 केंद्रों पर दोपहर 12 से दो बजे के बीच में कराई गई। परीक्षा (UP BEO Exams) में इस बार महज 2,33,393 अभ्यर्थी ही शामिल हुए, जबकि 2,94,921 अनुपस्थित रहे। इस परीक्षा में 5 लाख 28 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को बैठना था। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार इस हालात में परीक्षा (UP BEO Exams) को आयोजित कराना सही है। प्रदेश में जब कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा बढ़ रहा है, तो ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सरकार क्या करना चाहती है। प्रयागराज में सहित अन्य जगहों पर बहुत ही हालात खराब रहे हैं तो ऐसे में परीक्षा (UP BEO Exams) का आयोजन कराना कहा तक सही है यही सबसे बड़ा सवाल है।
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आयोग ने दिसंबर में निकाली थी भर्ती
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (Uttar Pradesh Public Service Commission) ने प्रदेश में 12 साल के बाद खण्ड शिक्षाधिकारी की भर्ती (Block Education Officer) निकाली थी। आयोग ने 12 दिसंबर 2019 को खंड शिक्षा अधिकारी की 309 पदों की भर्ती निकाली थी। अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन 13 जनवरी तक लिए गए थे। इन पदों के लिए 5,28,314 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इस परीक्षा (Block Education Officer Exams) में सिर्फ बीएड डिग्री धारक ही शामिल हुए थे।
खंड शिक्षा अधिकारी की भर्ती (Block Education Officer) 12 साल बाद आने की वजह से लोगों में काफी उत्साह भी देखने को मिला था। इसलिए भारी संख्या में आवेदन हुए थे, लेकिन कोरोना (Coronavirus) की वजह से अभ्यर्थियों में वह उत्साह नहीं दिखा। परीक्षा (UP BEO Exams) को भारी संख्या में अभ्यर्थियों ने छोड़ दिया। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (Uttar Pradesh Public Service Commission) ने ही इससे पहले 2007 में भर्ती निकली थी। लोक सेवा आयोग (Uttar Pradesh Public Service Commission) द्वारा जनवरी में जारी किए गए कैलेंडर में उक्त भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा 22 मार्च को प्रस्तावित थी। लेकिन, कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के कारण परीक्षा स्थगित करनी पड़ी।
वैसे, नकलमुक्त परीक्षा (UP BEO Exams) कराने के लिए आयोग (Uttar Pradesh Public Service Commission) ने काफी कड़ाई की थी। इसके बाद भी परीक्षा में सॉल्वर पहुंच ही गए। हालांकि, इस बार कोरोना काल में परीक्षा के आयोजन होने पर सवाल उठ रहे हैं। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (Uttar Pradesh Public Service Commission) के सचिव जगदीश ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी-2019 की प्रारंभिक परीक्षा (Block Education Officer Pre. Exams) प्रदेश के हर केंद्र पर निर्विघ्न संपन्न हुई। उन्होंने बताया कि केंद्रों से किसी भी तरह से नकल व पेपर लीक होने की घटना नहीं सामने आई है।
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आयोग इस व्यवस्था में कराए परीक्षा
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (Uttar Pradesh Public Service Commission) भले ही कह रहा हो, कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ में परीक्षा का आयोजन कराया गया है। लेकिन खण्ड शिक्षाधिकारी की परीक्षा (Block Education Officer Exams) में किसी भी तरह की सोशल डिस्टेंसिंग नहीं देखने को मिली। परीक्षा केंद्रों पर पुरानी ही पद्धति की तरह एक ही सीट पर जहां दो-दो अभ्यर्थियों को बैठाया गया, तो वहीं सीटों के बीच में दूरी आधा गज भी नहीं रही। अभ्यर्थियों को दो घंटे तक इतनी ही दूरी में परीक्षा देना पड़ा। अब ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज केंद्र पर आया गया होगा, तो फिर कैसे हालात हो सकते हैं। परीक्षा केंद्र पर आज जिस तरह के हालात रहे, उससे अब सवाल उठ रहे हैं, आखिर क्या सरकार अब परीक्षा कराकर लोगों को जान बूझकर मारना चाहती है क्या?
बता दें, कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से स्थगित हुई खण्ड शिक्षाधिकारी (Block Education Officer Exams) की परीक्षा अब भयकर कोरोना काल में ही आयोजित की गई। कोरोना वायरस (Coronavirus) की वर्तमान स्थिति को देखते हुए अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक में न्याय की गुहार लगाई, लेकिन अभ्यर्थियों की याचिका को खारिज कर दिया गया है। कोरोना के भय से प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों ने परीक्षा (UP BEO Exams) को भी छोड़ दिया है। रविवार को परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों ने बताया कि अगर ऐसे में परीक्षा को आयोजित कराना है, तो सरकार परीक्षा का ही आयोजन न कराए।
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