
आज स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में सहायक की भूमिका के लिए पैरामेडिकल प्रशिक्षितों की मांग बढ़ रही है। यही कारण है कि अब छात्र पैरामेडिकल कोर्स की ओर अधिक रूख कर रहे हैं। यदि आप भी पैरामेडिकल डिप्लोमा कोर्स के जरिए स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो आप 10वीं, 12वीं या स्नातक के बाद पैरामेडिकल डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। यह कोर्स डॉक्टर या सर्जन की सहायता करने और रोगियों की देखभाल करने के लिए एक्स रे, ब्लड टेस्ट, एमआरआई और रेडियोग्राफी से संबन्धित तकनीकी कौशल एवं ज्ञान प्रदान करता है। डिप्लोमा कोर्स स्नातक कोर्स की तुलना में छोटी अवधि के होते हैं। इसलिए कम समय में ही आप अपना करियर बना सकते हैं।
कैसे मिलेगा दाखिला
यदि आप स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो 10वीं, 12वीं या स्नातक के बाद विभिन्न प्रकार के पैरामेडिकल डिप्लोमा कोर्स में शामिल हो सकते हैं। ऐसे डिप्लोमा कोर्स उन छात्रों के लिए अधिक खास है जो विशेष तौर पर कम अवधि के अंदर इस क्षेत्र में नौकरी करना चाहते हैं। कोर्स में दाख़िले के लिए आप सीईटी परीक्षा, सीयूईटी, नीट पीजी, डीयूईटी, जेएमआई जैसी प्रवेश परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं।
विभिन्न डिप्लोमा कोर्स
आप डिप्लोमा इन ओटी टेक्नीशियन, डिप्लोमा इन रुरल हेल्थ केयर, डिप्लोमा डाइलसिस टेक्नॉलजी, डिप्लोमा इन एक्स रे टेक्नॉलजी, डिप्लोमा इन आक्युपेशनल थेरेपी, डिप्लोमा इन नर्सिंग केयर असिस्टेंट, डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्नॉलजी, डिप्लोमा इन एनेस्थीसिया, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मेडिकल रेडियो डायग्नोसिस जैसे कोर्स कर सकते हैं।
छात्रवृत्ति भी मिलेगी
पैरामेडिकल कोर्स के लिए पंजीकरण करने वाले छात्रों को कई संस्थानो द्वारा छात्रवृत्ति की सुविधा प्रदान की जाती है। आल इंडिया छात्रवृत्ति एण्ट्रेंस टेस्ट के जरिये आपको आर्थिक सहायता मिल सकती है। आप चाहें तो कंबाइंड बोर्ड छात्रवृत्ति, एफएईए छात्रवृत्ति, स्वामी विवेकानंद मेरिट कम मींस छात्रवृत्ति के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रो को डॉ अब्दुल कलाम छात्रवृत्ति भी जाती है।
करियर की राहें
कोर्स पूरा करने के बाद आप स्वास्थ्य सेवा केंद्र, सरकारी या प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग होम, लैब, फार्मेसी, रेडियोग्राफी और डेंटल हाइजीन जैसी जगहों पर अपनी सेवाएं दे सकते हैं।