निजीकरण और बेरोजगारी के विरोध में सोशल मीडिया पर 'क्रांति' ले रही जन्म
'मैं एक बेरोजगार हूं', 'मैं निजीकरण का विरोध करता हूं' जैसे कई तरह के स्लोगन आपको इस समय सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल होते हुए मिल जाएंगे। देश में लगातार बढ़ती बेरोजगारी और सरकार की तरफ से भतियों (Government Jobs) में की जा रही देरी और एक के बाद एक करके सरकारी संस्थाओं का निजीकरण करने से इस समय युवा काफी नाराज है। देश में बेरोजगारी (Unemployment) का आंकड़ा 10 करोड़ के ऊपर पहुंच गया है। इसमें से कुछ कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से बेरोजगार हुए हैं तो कुछ सरकार की गलत नीतियों के चलते बेरोजगार (Unemployment) हो गए हैं। युवाओं (Youths) के सामने इस तरह से बढ़ रही परेशानी से इस समय सोशल मीडिया (Social Media) पर एक 'क्रांति' ने जन्म ले लिया है।
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मोदी सरकार (Modi Government) के विरोध में देशभर में इस समय युवाओं की तरफ से डिसलाइक (Dislike) से लेकर ट्रेंड के माध्यम से सरकार को अपनी ताकत बताने की कोशिश युवा कर रहे हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पीएम मोदी (PM Modi) ने जब रविवार को 'मन की बात' की तो उसको लाइक करने वालों से कहीं ज्यादा संख्या डिसलाइक (Dislike) करने वालों की रही। ऐसा कहा जा रहा है कि डिसलाइक (Dislike) करने वालों में अधिकतर युवा (Youth) ही है जो कि बहुत बड़ी बेरोजगारी (Unemployment) की मार झेल रहे हैं। सरकार (Indian Government) की तरफ से अब दिन-प्रतिदिन सरकारी नौकरियों में मौके कम किए जा रहे हैं। यही नहीं, सरकार की तरफ से पदों को भी कम कर दिया जा रहा है।
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इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पीएम मोदी (PM Modi) का कार्यक्रम डिसलाइक (Dislike) एक हिस्सा रहा है। छात्रों के आक्रोश से अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विभिन्न यूट्यूब (Youtube) चैनलों से रविवार को पोस्ट किए गए पीएम नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) के कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Man Ki Baat) को छात्रों ने हर प्लेटफॉर्म पर डिसलाइक (Dislike) किया गया।
इसमें प्राइम मिनिस्टर्स ऑफिस (पीएमओ), प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे तमाम यूट्यूब (Youtube) चैनलों रहे जहां पर पोस्ट पीएम मोदी (PM Modi) की 'मन के बात' कार्यक्रम को ज्यादा से ज्यादा डिसलाइक (Dislike) किया।
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यही नहीं, छात्रों की तरफ से पीएम मोदी (PM Modi) के इस कार्यक्रम के विरोध में ट्विटर पर ट्रेंड्स भी चलाया गया है। इनमें 'स्टूडेंट्स डिसलाइक पीएम मोदी', 'मन की नहीं स्टूडेंट्स की बात' और 'ट्विटर एड डिसलाइक (Dislike) ऑप्शन' जैसे ट्रेंड्स पर छात्रों का गुस्सा देखा गया।
वहीं, आज पीएम (PM Modi) तक बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर बात पहुंचाने के लिए सक्रिय युवाओं ने #SpeakUpForSSCRaliwaysStudents और #SSCdeclareCGLresults जैसे हैशटैग (Hashtags) के साथ में मोदी सरकार (Modi Government) के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है।
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कोचिंग संचालकों ने छेड़ी सरकार के खिलाफ मुहिम
मोदी सरकार (Modi Government) की तरफ से रोजगार (Employment) पर ध्यान न दिए जाने की वजह लाखों लोग बेरोजगार (Unemployment) हो रहे हैं। सरकारी नौकरियों (Government Jobs) में लगातार कमी आती जा रही है, ऐसे में कई महीनों से सोएं पढ़ें सिस्टम को जगाने का काम यूट्यूब (youtubs) के जरिए कोचिंग संचालकों (Coaching Director) ने किया है।
कोचिंग संचालकों ने घटती बेरोजगारी पर सरकार (Modi Government) के खिलाफ बिगुंल फूंक भी दिया है। रविवार से कोचिंग संचालकों (Coaching Director) ने सोएं हुए सिस्टम को जगाने की कोशिश की है। कोचिंग संचालकों (Coaching Directors)का कहना है कि सरकार (Modi Government) की तरफ से रोजगार (Employment) पर बिल्कुल ही ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकार (Modi Government) सिर्फ अपने मन की बात कर रही है। हम बेरोजगारों (Unemployment) पर बिल्कुल ही ध्यान नहीं दे रही है।
सोमवार को रोजगार (Employment) के मुद्दे को लेकर एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में यूट्यूब पर सरकार (Modi Government) के खिलाफ वीडियो अलग-अलग कोचिंग संचालकों (Coaching Director) ने डाले हैं। रोजगार (Employment) न मिलने की वजह से युवाओं की बढ़ती बेरोजगारी की वजह से सभी ने सरकार (Modi Government) का ध्यान आकर्षण कराने की बात कहीं है।
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संस्थाओं पर भी उठा रहे सवाल
अभ्यर्थी (Candidate) केंद्र से लेकर राज्य स्तर तक पर भर्ती (Recruitment) के लिए कार्यरत संस्थाओं पर भी सवाल उठाएं है। अभ्यर्थियों का कहना है कि हम लोगों से करोड़ों रुपये की कमाई करने वाली संस्थाएं भी आखिर क्या कर रही है। बता दें, कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे की तरफ से निकाली जाने वाली भर्तियों (RRB NTPC Recruitment) का बोर्ड से लेकर आईबीपीएस (IBPS) सहित अन्य संस्थाएं परीक्षाओं को नहीं करा रही है।
संस्थाएं परीक्षाओं से लेकर भर्ती (Recruitment) तक कितना सजग है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2018 में निकली भर्तियां (SSC CGL/ RRB NTPC Recruitment) अभी तक पूरा नहीं हो पाई है। ऐसे ही एनटीपीसी (NTPC) और आरआरबी की वर्ष 2017 में आई भर्तियां अभी तक पूर्ण नहीं हो पाई है। इस भर्ती के विभिन्न पद ऐसे हैं, जिनके अभ्यर्थी अभी भी आरआरबी (RRB) के आदेश का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें उनके दिन गुलजार किए जाएंगे। वहीं, राज्यों के भर्ती बोर्ड का भी हाल बहुत ही बुरा है।
वर्ष 2016 की भर्तियां अभी तक अटकी हुई है। बात अगर यूपी (UP) की जाए तो पर वर्ष 2016 में राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) की तरफ से निकाली गई भर्तियां (Recruitments) अभी तक पूरी नहीं की गई है। ऐसे ही 2017, 2018 और 2019 में हजारों पदों की न निकली भर्तियां (Recruitment) बहुत ही मंद गति से चल रही है।
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फिजिकल नहीं डिजिटल तरह से करेंगे प्रदर्शन
केंद्र (Modi Government) से लेकर राज्य सरकार तक में वर्षों से भर्तियों (Recruitment) का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को अभी भी आश है कि सरकार (Modi Government) उन लोगों के अच्छे दिन वापस लाएंगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। सरकार (Modi Government) की तरफ से निकाली गई भर्तियों (SSC/ RRB NTPC Recruitment) के वर्षों बीत गए हैं, लेकिन अभी तक पूर्ण नहीं हो सकी है।
भर्तियों के पूर्ण न होने और भविष्य में भर्तियों (Recruitment) की कमी को लेकर सरकार के खिलाफ अभ्यर्थियों ने इकबाल कर दिया है। सरकार (Modi Government) के खिलाफ छात्र सड़क पर उतरकर फिजिकली विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं बल्कि डिजिटल तरीके से विरोध जता रहे हैं। आज देश के लाखों युवा सड़क पर उतरकर नहीं बल्कि डिजिटल तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
आज सुबह 11 बजे से सरकार के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है। आज सुबह से #SpeakUpForSSCRaliwaysStudents और #SSCdeclareCGLresults जैसे हैशटैग के साथ में मोदी सरकार (Modi Government) के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। यह विरोध किसी राजनीतिक संगठन की तरफ से नहीं बल्कि बेरोजगार युवाओं की तरफ से किया जा रहा है।
रोजगार बड़ी संख्या में हो रहा समाप्त
केंद्र सरकार (Modi Government) की तरफ से पहले हर साल एसएससी (SSC) , आरआरबी (RRB) और बैकिंग सेक्टर (Banking) में लाखों की संख्या भर्ती निकाली जाती थी। भर्तियों की आश में वर्षों घरों से दूर रहकर युवा तैयारी में समय बीत देते हैं। समय के साथ ही सरकार (Modi Government) ने सरकारी खर्चों को कम करने के लिए पदों को घटाना शुरू किया और आउसोर्सिंग कम्पनियों से काम कराना शुरू कर दिया।
बैंकों (Banks) के विलय अब बैंकिंग सेक्टर (Banking Sectors) में भी नौकरियों की भारी कमी आई है। यही नहीं, इसके अलावा अन्य केंद्रीय विभागों में भी यही स्थिति चल रही है। सरकार (Modi Government) की इस नीति की वजह से रोजगार कम होता गया और एकाएक पदों की संख्या भी कम होने लगी। पदों की संख्या कम होने अब सरकारी नौकरियां (Government Jobs)भी कम होती जा रही है। सरकारी आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पिछले तीन सालों में भर्तियों में काफी कमी आ गई है।
इसके अलावा सरकार (Modi Government) की तरफ से निकाली गई भर्तियों को पूरा भी नहीं किया गया है। इसके चलते अब युवाओं में सरकार (Modi Government) के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। वहीं, स्टाफ की कमी के चलते विभागों में काम भी नहीं हो पा रहा है।
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