69000 शिक्षक भर्ती: शिक्षामित्रों को नहीं जिता पाई वकीलों की फौज, केस से जुड़े थे बड़े नाम

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Teachers Recruitment) में नौकरी पाने के लिए शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) ने क्या से क्या नहीं किया। इस भर्ती (69000 Teachers Recruitment) में शामिल होने के लिए शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) ने हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक लड़ाई लड़ी। उन्हें सफलता सिर्फ इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच से मिली, इसके अलावा हर जगह पर उन्हें निराश ही होना पड़ा। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की डबल बेंच से जहां उनके पक्ष में आदेश नहीं आया तो वहीं अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से भी उनके पक्ष में आदेश नहीं आया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 40 और 45 फीसदी पर होने वाली भर्ती (69000 Teachers Recruitment) की याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज SLP(c)-6841/2020 राम शरण मौर्य अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य सरकार सहित टैग पांच केस पर ऑर्डर सुनाया है।

सुप्रीम कोर्ट से उनकी याचिका खारिज होने के बाद अब शिक्षामित्र (Shiksha Mitra) पूरी तरह से निराश हो गए हैं। अपने जीवन के इस पड़ाव पर नौकरी पाने के लिए उन्होंने सब कुछ दांव पर लगा दिया था। वह किसी भी तरह से शिक्षक बन जाएं, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में वकीलों की फौज खड़ी कर दी थी। बता दें, आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) की दायर SLP को खारिज करते हुए हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के आदेश पर ही भर्ती कराने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज अहम फैसले में शिक्षामित्रों को राहत सिर्फ इतनी दी है कि उन्हें अगली भर्ती में फिर से शामिल होने का मौका मिलेगा। 

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने आदेश में कहा है कि शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) को फिर अगली भर्ती (69000 Teachers Recruitment) में शामिल किया जाएगा। अब यूपी सरकार जब भी शिक्षकों की भर्ती निकालेगी, उसमें उन्हें मौका मिलेगा। बता दें, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने भर्ती (69000 Teachers Recruitment) को निरस्त कर दिया था। शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) की भर्ती को निरस्त करते हुए उन्हें शिक्षक भर्ती (69000 Teachers Recruitment) में दो बार मौका देने की बात कहीं थी। इसके बाद यूपी सरकार ने दो बार भर्ती निकाली और शिक्षामित्रों के 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Teachers Recruitment) में आखिरी मौका था।

शिक्षामित्रों ने ये वकील किए थे हायर

इस केस को जीतने के लिए शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के बड़े-बड़े चेहरों को हायर किया था। शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) की तरफ से भी वकीलों पूरी फौज इस केस को जीतने के लिए उतार दी गई थी। इस मुद्दे पर बहस करने के लिए शिक्षामित्रों की तरफ से गोपाल सुब्रहमणयम (Gopal Subaramaniyum), सुप्रीम कोर्ट बार काउंसलिंग के अध्यक्ष दुष्यत दवे (Dushyant Dave), वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया (P.S Patwalia), राकेश द्विवेदी (Rakesh Dwivedi), सीए सुदंरम् (C.A Sundaram), राजीव धवन (Rajeev Dhavan), वी. शेखर (V.Shekhar), दिनेश द्विवेदी (Dinesh Dwivedi), पूर्व जनरल सॉलिटिरस मुकल रोहतगी (Mukul Rohatgi) और आनंद नंदन (Anand Nandan) का नाम शामिल था। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपना पक्ष इन लोगों ने बहुत ही मजबूती से रखा था और कोर्ट से शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) की उम्र का हवाला देते हुए उन्हें तत्काल में राहत देने की मांग की थी, लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से सिर्फ एक शिक्षक भर्ती का और मौका दिया गया है।

पक्ष और विपक्ष खड़े किए थे बड़े-बड़े वकील

69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Teachers Recruitment) पर सुनवाई के दौरान बहस करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में वकीलों की पूरी टीम खड़ी कर दी गई थी। सरकार के अलावा अभ्यर्थियों ने अपनी तरफ से भी वकीलों को केस के लिए हायर किया था। इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए जहां उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जनरल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता (Tushar Mehta), एएसजी (ASG) ऐश्वर्या भाटी (Aishwarya Bhati) ने भी कमान संभाल रखी थी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह और वकील राकेश मिश्रा (Rakesh Mishra) ने भी बहस में भाग लिया था। 

सरकार के अलावा अभ्यर्थियों ने भी अपनी तरफ से वकीलों की टीम खड़ी कर रखी है। बीटीसी टीम (BTC Team) की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमणी (R.Venkatramani), पल्लव सिसोदिया (Pallav Sisodiya), केवी विश्वनाथन (KV Vishwanathan) और विनय नवारे (Vinay Navare) है। वहीं, बीएड लीगल टीम (B.ED Team)की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में हरीश साल्वे (Harish salve), विभा मखीजा (Vibha Makhija), सिद्धार्थ दवे (Siddhart Dave), श्याम दीवान (Shyam Divan), हरीन रावल (Harin Raval), कृष्णा वेणुगोपाल (Krishnan Venogopal) भी शामिल थे।

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