उत्तर प्रदेश का व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास हजारों अनुदेशकों के पदों पर भर्ती करने जा रहा है। राज्य सरकार की तरफ से इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। उत्तर प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने 2,500 अनुदेशको की भर्ती के संबंध में लोकभवन में प्रेसवार्ता की। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित उत्तर प्रदेश राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (अनुदेशक और फोरमैन अनुदेशक) सेवानियमावली-2021 की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अन्तर्गत राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत अनुदेशक एवं कार्यदेशक (फोरमैन) अनुदेशक हेतु वर्तमान में क्रमशः उत्तर प्रदेश औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (अनुदेशक) सेवानियमावली, 2014 तथा उत्तर प्रदेश श्रम विभाग प्रशिक्षण (फोरमैन अनुदेशक) सेवा नियमावली, 1994 यथा संशोधित उत्तर प्रदेश श्रम विभाग प्रशिक्षण (फोरमैन अनुदेशक) सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2008 विद्यमान है। इन सेवा नियमावलियों को एकीकृत करते हुए उत्तर प्रदेश राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (अनुदेशक और फोरमैन अनुदेशक) सेवानियमावली-2021 प्रस्तावित की गयी है, जिससे दो भिन्न-भिन्न नियमावलियों के स्थान पर एक नियमावली होने से सहजता होगी। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुदेशक पद पर चयन हेतु डीजीटी (भारत सरकार) द्वारा निर्गत अद्यतन गाइड लाइन के अनुसार अर्हता/योग्यता का निर्धारण किया गया है। डीजीटी द्वारा कतिपय अनुपयोगी ट्रेडों को बन्द करते हुए तथा नई तकनीक व नयी मांग के दृस्तिगत कुछ लोकप्रिय ट्रेडों का संचालन आवश्यक होना। कार्यदेशक संवर्ग पर शत प्रतिशत पदोन्नति अनुदेशक संवर्ग से होगी। राज्य सरकार द्वारा समूह-ग की भर्ती में साक्षात्कार व्यवस्था समाप्त की गई है।
उन्होंने बताया कि नियमावली की विशेषताओं में प्रस्तावित नियमावली से नवीन तकनीक एवं बाजार की मांग के अनुरूप व्यावसायिक प्रशिक्षण की सुविधा विकसित होगी। नवीन तकनीक का ज्ञान रखने वाले प्रशिक्षार्थियों को रोजगार के साथ-साथ स्व-रोजगार के भी पर्याप्त अवसर उपलब्ध होंगे। ऐसे व्यवसाय जिन्हें डीजीटी भारत सरकार द्वारा समाप्त किया जा चुका है, अब इसको प्रस्तावित नियमावली से पृथक कर दिया गया है। प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार हेतु अनुदेशकों के चयन में शैक्षिक अर्हता के प्राप्तांकों के स्थान पर लिखित परीक्षा के प्राप्तांकों को अधिक महत्व दिया गया है।
उन्होंने बताया कि सीआईटीएस, जिसकी परीक्षा एवं मूल्यांकन सम्पूर्ण भारत वर्ष में डीजीटी भारत सरकार के अधीन किया जाता है, के प्राप्तांक प्रतिशत का 20℅ तथा लिखित परीक्षा के प्राप्तांक प्रतिशत का 80% को अनुदेशों के चयन का आधार बनाया गया है। उन्होने बताया कि डीजीटी भारत सरकार द्वारा प्रदत्त निर्देश एवं उच्च गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु प्रशिक्षित अनुदेशक का चयन करने के दृष्टिगत सीआईटीएस को अनिवार्य अर्हता के रूप में रखा गया है। अनुदेशक एवं फोरमैन अनुदेशक पद को सातवें वेतन आयोग द्वारा अनुमन्य वेतनमान प्रस्तावित नियमावली में समाविष्ट किया गया है।
राज्यमंत्री ने प्रस्तावित नियमावली के प्रख्यापन से लाभ के बारे में बताया कि अनुदेशक और फोरमैन अनुदेशक की नियुक्ति/पदोन्नति में शुचिता, पारदर्शिता तथा गति आयेगी। प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षित/अनुभवी अनुदेशकों की नियुक्ति से राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षणार्थियों को उच्च गुणवत्तापरक व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना सुगम हो सकेगा। उन्होंने बताया कि स्टेट प्रोग्राम मैनेजर की 08, डिस्ट्रीक्ट प्रोग्राम मैनेजर के 75 तथा ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर के 822 कुल मिलाकर 905 पद भरे जाएंगे।