उत्तर प्रदेश में अब सरकार की तरफ से होमगार्ड्स स्वयंसेवकों और अवैतनिक होमगार्ड्स की मृत्यु और स्थायी रूप से अपंग होने पर उनके परिजनों को जल्द ही मौका मिलेगा। उत्तर प्रदेश के परिजनों को महज 30 दिनों के अंदर ही होमगार्ड्स स्वयंसेवकों एवं अवैतनिक होमगार्ड्स की मृत्यु और स्थायी रूप से अपंग मदद करने की रणनीति तय की गई है। सरकार की तरफ से अनुकंपा के आधार पर महज 30 दिनों के अंदर ही सारी प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव होमगार्ड्स अनिल कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार की तरफ से होमगार्ड्स को मदद देने की बेहतर रणनीति बनाई गई है। उन्होंने बताया कि होमगार्ड्स स्वयंसेवक के पद पर मृतक/स्थायी रूप से अपंग होमगार्ड्स स्वयंसेवक के आश्रित के चयन के लिए शासनादेश में वर्णित चयन समिति के स्थान पर होमगार्ड्स स्वयंसेवक के आश्रित के चयन की कार्यवाही संबंधित जिले के जिला कमाण्डेण्ट द्वारा नियुक्ति प्राधिकारी के रूप में सम्पन्न की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इसके संबंधों आवश्यक कार्यवाही के लिए होमगार्ड्स महानिदेशक की तरफ से सभी मण्डलीय कमाण्डेंट होमगार्ड्स ग्रेड-1 एवं ग्रेड-2, यूपी के सभी डिप्टी कमाण्डेट को भी जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि होमगार्ड्स एवं अवैतनिक होमगार्ड्स पदाधिकारी की सेवावधि में मृत्यु/स्थायी रूप से अपंग होने पर उसके पात्र आश्रित के चयन में वही प्रक्रिया/मानदण्ड अपनाएं जाएंगे जो सामान्य तौर पर होमगार्ड्स/अवैतनिक पदाधिकारी की भर्ती के समय अपनाएं जाते है। उन्होंने बताया कि होमगार्ड्स स्वयंसेवकों की भर्ती के लिए निर्गत शासनादेश में होमगार्ड्स की भर्ती के लिए चयन समिति का निर्धारण किया गया है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि शासन के संज्ञान में आया है कि उक्त चयन समिति के गठन में समय लगता है, जिसके कारण मृतक आश्रित भर्ती में काफी समय लगता है। उन्होंने बताया कि होमगार्ड्स स्वयंसेवकों की मृत्यु/स्थायी रूप से अपंग होने की दशा में उनके पात्र आश्रित को अनुकम्पा एवं योग्यता के आधार पर होमगार्ड्स के पद पर यथाशीघ्र सेवायोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उनके भरण पोषण के लिए अत्यन्त आवश्यक होता है। साथ ही मृतक आश्रित की भर्ती में विभिन्न प्रतिभागियों में से नियुक्तियों के अनुरूप प्रातिस्पर्धा के आधार पर चयन निहित नही है, अपितु अभ्यर्थी विशेष के अर्ह होने की दशा में अनिवार्य चयन निहित है।