आप भी बन सकते हैं एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर, ये है पूरी डिटेल

अगर आप खुद का बिजनेस करना चाहते हैं तो आपके लिए ये काम की खबर है। आप चाहे गांव में रहते हों या शहर में आप इस खबर के माध्यम से बिजनेस करने की सोच सकते हैं। आज हम आपको एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के बारे में बताने जा रहे हैं। एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप लेकर आप कम लागत में अच्छी कमाई कर सकते हैं। आइए जानते हैं एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर के लिए योग्यता, बेसिक सुविधाओं और कितनी लागत की जरूरत होती है और कैसे ऑयल कंपनियां डिस्ट्रीब्यूटर का सिलेक्शन कैसे करती हैं।
10 वर्ष की होती है डिस्ट्रीब्यूटरशिप
एचपी, इंडेन और भारत गैस की डिस्ट्रीब्यूटरशिप शुरुआत में 10 साल की होती है। उसके बाद इसे हर 5 साल पर रिन्यू किया जाता है। यह डिस्ट्रीब्यूटर की परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है।
क्या है योग्यता
- एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर बनने के लिए भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है।
- पुरुष और महिला कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर बन सकता है।
- आवेदनकर्ता का कम से कम 10वीं पास होना जरूरी है।
- स्वतंत्रता सेनानी कैटेगरी वाले आवेदनकर्ता को छूट मिलती है।
- आवदेनकर्ता की उम्र 21 साल से कम और 60 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
- आवेदनकर्ता ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के इंप्लॉई के परिवार का सदस्य नहीं होना चाहिए।
- आवेदनकर्ता पर किसी भी तरह का कानूनी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ हो।
ऐसे होता है चयन
गैस डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए देश की तीनों सरकारी कंपनियां इंडेन, भारत गैस और एचपी गैस डीलर बनाने के लिए अखबारों और अपनी वेबसाइट पर विज्ञापन और नोटिफिकेशन जारी करती हैं। इसमें यह सूचना होती है कि डिस्ट्रीब्यूटरशिप कहां के लिए है। डिस्ट्रीब्यूटर्स चार कैटेगरी के तहत आते हैं- शहरी, अर्द्धशहरी, ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रीय वितरक। लॉटरी के जरिए डिस्ट्रीब्यूटर चुने जाते हैं। लॉटरी से चुनाव होने के बाद जिन लोगों का नाम लिस्ट में आएगा उन्हें फिर आगे की प्रक्रिया पूरी करने के लिए बुलाया जाता है। इसके लिए उन्हें ईमेल और फोन के जरिए सूचित किया जाता है।

ऐसे कर सकते हैं आवेदन
आवेदनकर्ता को www.lpgvitarakchayan.in वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कर आवेदन करना होता है। इसके तहत एप्लीकेशन फीस के साथ ऑनलाइन फॉर्म सबमिट करना होता है। आवेदनकर्ता एक आवेदन में केवल एक ही लोकेशन के लिए आवेदन कर सकता है। एक से ज्यादा लोकेशन के लिए अलग-अलग आवेदन करने होंगे और इसके लिए फीस भी अलग-अलग देनी होगी।
चारो कैटेगरी का अलग-अलग सिक्योरिटी डिपॉजिट
चयन होने के बाद आवेदनकर्ता को सात दिन के अंदर जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ सिक्योरिटी डिपॉजिट का 10 फीसदी संबंधित ऑफिस में जमा करना होता है। सिक्योरिटी डिपॉजिट इंट्रेस्ट फ्री और रिफंडेबल होता है। शहरी व अर्द्धशहरी डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट पांच लाख रुपए और ग्रामीण व दुर्गम क्षेत्रीय डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए चार लाख रुपए है। हालांकि रिजर्वेशन वाली कैटेगरी के लिए डिपॉजिट की रकम इस सीमा से कम है। पूरा सिक्योरिटी डिपॉजिट अपॅाइंटमेंट लेटर मिलने तक जमा करना होता है।
डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए ये हैं मानक
- एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए चुने गए आवेदनकर्ता को गैस सिलेंडर रखने के लिए गोदाम का इंतजाम करना होगा।
- लेटर ऑफ इंटेंट में उल्लिखित समयसीमा के अंदर पेट्रोलियम एंड सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन समेत अन्य सांविधिक निकायों से आवश्यक मंजूरी लेनी होगी।
- गोदाम ऐसी जगह पर होना चाहिए, जहां हर मौसम में एलपीजी सिलेंडर से लाने वाला ट्रक आ और जा सके।
- चुने गए शहरी, अर्धशहरी और ग्रामीण वितरकों को एलपीजी शोरूम का निर्माण कराना होगा।
देनी पड़ती है परीक्षा
डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए लोकेशन को मंजूरी रीफिल सेल पोटेंशियल के आधार पर मिलती है। यह पोटेंशियल घरों की संख्या, प्रति व्यक्ति खपत, एलपीजी कवरेज और मौजूदा या प्रस्तावित पीएनजी कनेक्शन के आधार पर तय होता है। ऑयल कंपनियां फील्ड वेरिफिकेशन के बाद आवेदनकार्ता को लेटर ऑफ इंटेंट जारी करती हैं। लेटर ऑफ इंटेंट मिलने के बाद कैंडीडेट को ट्रेनिंग दी जाती है और उसे 80 फीसदी अंकों के साथ एक प्री-कमीशनिंग क्विज या टेस्ट पास करना होता है। जो इतने अंक हासिल नहीं कर पाता, उसे फिर से ट्रेनिंग दी जाती है और दोबारा टेस्ट होता है। कमीशनिंग से पहले कैंडीडेट को लेटर ऑफ अपॉइंटमेंट जारी किया जाता है और उसे एक एग्रीमेंट करना होता है।

गोदाम की क्षमता
शहरी व अर्धशहरी वितरकों के लिए एलपीजी गोदाम की क्षमता न्यूनतम 8000 किलो एलपीजी की होनी चाहिए। ग्रामीण वितरकों के लिए यह न्यूनतम 5000 किलो एलपीजी तय की गई है। वहीं दुर्गम क्षेत्रीय वितरकों के लिए यह क्षमता 3000 किलो एलपीजी की है।
सरकारी कर्मचारी नहीं कर सकते आवेदन
एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर को खुद ही अपनी एजेंसी संभालनी होगी। अगर कोई आवेदनकर्ता किसी नौकरी में है तो अपॉइंटमेंट लेटर प्राप्त करने से पहले उसे नौकरी छोड़नी होगी और आगे डिस्ट्रीब्यूटरशिप रहने तक वह कोई और नौकरी नहीं कर सकता।
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